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फर्जी डिग्री मामला : दिल्ली सरकार के कानून मंत्री गिरफ्तार

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नई दिल्ली। केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच प्रशासन संबंधी अधिकारों को लेकर चल रही तनातनी के बीच मंगलवार को एक और नाटकीय घटनाक्रम सामने आया, जब पुलिस ने कानून की फर्जी डिग्री के मामले में दिल्ली सरकार के कानून मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया। इस घटना को सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने राजनीति षड्यंत्र करार दिया और इसे अपने भ्रष्टाचार-विरोधी अभियान से जोड़ने की कोशिश की।

दिल्ली पुलिस ने बताया, “तोमर को धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।” दिल्ली पुलिस उपराज्यपाल (नजीब जंग) और केंद्रीय गृह मंत्री के अधीन काम करती है। फरवरी महीने में दिल्ली की सत्ता संभालने वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने पुलिस पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने कहा कि उन्हें गिरफ्तारी के बारे में सूचना नहीं दी गई।

इस बीच तोमर का परिवार और आप के समर्थक बड़ी संख्या में वसंत विहार पुलिस थाने के बाहर इकट्ठा हो गए, जहां तोमर से पूछताछ चल रही थी। तोमर की गिरफ्तारी ने दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच प्रशासन संबंधी अधिकार को लेकर जारी तनातनी की आग में घी का काम किया है। आप नेता संजय सिंह ने कहा कि पुलिस ने तोमर को बिना कोई पूर्व सूचना के गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा, “यदि यह मामला फर्जी डिग्री का है, तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और राम शंकर कठेरिया को भी बिना कोई नोटिस दिए पुलिस थाने ले जाना चाहिए।”

तोमर ने एक समाचार चैनल से कहा कि उन्हें नहीं मालूम कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार क्यों किया। उन्होंने कहा, “30-40 पुलिसकर्मी आए और मुझे बिना कोई सूचना दिए पुलिस थाने साथ चलने के लिए कहा।” दिल्ली पुलिस ने कहा कि तोमर को मंगलवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तोमर के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में दो मामले लंबित हैं। एक में उनपर विधि में स्नातक की फर्जी डिग्री के आधार पर अपना नाम अधिवक्ता के तौर पर पंजीकृत कराने का आरोप है, जबकि दूसरा मामला उनका निर्वाचन रद्द करने की अपील से संबंधित है। वहीं तोमर का कहना है कि उनकी कानून की डिग्री असली है।

कांग्रेस ने घटना के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा तोमर वाले मामले ने उनकी स्वच्छ राजनीति के दावे को धराशायी कर दिया है। कांग्रेस ने केजरीवाल और तोमर दोनों के इस्तीफे की मांग की।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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