Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

दशहरी हो या चौसा, दाम होंगे दोगुने

Published

on

लखनऊ,आम का मौसम,दशहरी, सफेदा हो, चौसा या लंगड़ा,ऑल इंडिया मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन,मलिहाबाद,माल, उन्नाव

Loading

लखनऊ। आम का मौसम आ गया है। दशहरी, सफेदा हो, चौसा या लंगड़ा, इस बार सभी आम अपने मूल दामों से लगभग में डेढ़ से दोगुने ऊंचे दामों पर मिलेंगे। अभी मौसम और खराब हुआ या आमों की बागानों को पानी किल्लत हुई तो और भी महंगे होने की उम्मीद है। ऐसे में आम तो आम लोगों के लिए खास हो ही जाएगा साथ ही कारोबारियों के मुनाफे की उम्मीदों पर भी पानी फेर देगा। ऑल इंडिया मैंगो ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इंसराम अली के मुताबिक, इस वर्ष बेमौसम बारिश और तेज आंधी ने आम की खेती को पूरी तर उजाड़कर रख दिया है। स्थिति यह हो गई है कि उन्हें आम के बागानों से लागत निकलने की भी उम्मीद नहीं लग रही है।

इंसराम का कहना है कि आंधी-पानी और ओलावृष्टि का असर उत्तर प्रदेश के आम वाले 15 इलाकों पर पड़ा है। सिर्फ राजधानी लखनऊ में ही 35 से 40 प्रतिशत तक आम की फसल बर्बाद हुई है। ऐसे में आम इस बार अपने मूल दामों से 20 से 30 रुपये और महंगे होकर बिकेंगे। अली बताते हैं कि अभी तक आम की खेती में 35 से 40 प्रतिशत तक का ही नुकसान होने की उम्मीद है। लेकिन नहरों से शीघ्र ही आम बागानों को पानी नहीं दिया गया तो आम पैदावार की हालत और खस्ता हो जाएगी। ऐसे में आम की खेती और नुकसान उठाना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि तेज निकलते धूप और लू के थपेड़ों से आम को बहुत ज्यादा नुकसान नहीं है, लेकिन यदि यहीं इन पेड़ों को जरूरत के मुताबिक, पानी नहीं मिला तो यहीं धूप और लू इनके लिए रोग का कारण बन जाएंगे।

वैसे तो जाला रोग आम की खेती को बीते कई वर्षो से अपनी प्रकोपों का शिकार बनाती रही है। ऐसे में अब पानी नहीं मिला तो फफूंदी लगने का डर बना हुआ है। वे बताते हैं अब पानी की जरूरत इस वजह से और है कि पानी जब पेड़ों की जड़ों में पहुंचता है तो अंतिम समय में फलों की साइज का विकास होता है। दशहरी का गढ़ कहे जाने वाले राजधानी के मलिहाबाद के साथ ही रहीमाबाद, काकोरी, माल, उन्नाव के हसनगंज सहित अन्य जगहों आम बागानों के पैदावार करने वाले रो रहे हैं। उनका मानना है कि आम की सही पैदावार होने से हम इसे विदेशों में भी पहुंचा दिया करते थे, लेकिन इस वर्ष तेज आंधी ओलावृष्टि ने आम पैदावार को आधा कर दिया है। आम बागान मालिकों के मुताबिक, आम की पैदावार 200 से 250 लाख मीट्रिक टन होने की उम्मीद है, जबकि पूर्व में यहीं पैदावार 500 लाख मीट्रिक टन की रहती थी। इससे आधा पैदावा होने से दुबई, सऊदी, और सिंगापुर में आम नहीं भेजे जा सकेंगे।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

Published

on

Loading

हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

Continue Reading

Trending