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डोकलाम का हल बातचीत से, आक्रामकता से विचलित नहीं भारत: सुषमा

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नई दिल्ली। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को कहा कि डोकलाम गतिरोध का ‘परस्पर स्वीकार्य समाधान’ खोजने के लिए भारत चीन के साथ कूटनीतिक माध्यमों से लगातार संपर्क बनाए रखेगा और साथ ही भूटान के साथ समन्वय व परामर्श जारी रखेगा।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने गुरुवार को राज्यसभा में भारत की विदेश नीति पर एक चर्चा का उत्तर देते हुए कहा कि इस विवाद का हल केवल बातचीत से संभव है। भारत ने विवाद के चलते आपसी संबंधों में आई तनातनी के बीच भारत ने चीन को स्पष्ट संकेत दिया है कि वह उसके आक्रामक रवैये से जरा-सा भी विचलित नहीं है, इसलिए उसे भी डोकलाम समेत सभी मुद्दों को बातचीत से सुलझाने के लिए आगे आना चाहिए।

स्वराज ने कहा, “चीन के साथ लगी सीमा को अंतिम रूप नहीं दिया गया है और कहा कि बुधवार को चीन द्वारा जारी दस्तावेज में भारत-चीन सीमा से जुड़े मुद्दे पर पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रुख का चयनात्मक हवाला दिया गया है।”

सुषमा स्वराज ने कहा, “उस पत्र का एक पूर्ण व सटीक विवरण यह भी सामने आया है कि प्रधानमंत्री का दावा स्पष्ट रूप से सीमा रेखा पर आधारित था, जैसा कि हमारे पहले प्रकाशित नक्शे में दिखाया गया है।”

मंत्री ने कहा, “अपने हाल के दस्तावेज में चीनी पक्ष ने भारत-चीन सीमा क्षेत्र में शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता जाहिर की है। भारत का हमेशा मानना है कि भारत-चीन सीमा पर शांति हमारे द्विपक्षीय संबंधों के सुचारु विकास के लिए महत्वपूर्ण शर्त है।”

उन्होंने कहा, “हम कूटनीतिक माध्यमों के जरिए चीनी पक्ष से अस्ताना में अपने नेताओं में हुए सहमति पर पारस्परिक स्वीकार्य हल के लिए लगातार संपर्क जारी रखेंगे। मैंने सदन की भावना को सहयोगात्मक महसूस किया है।”

उन्होंने कहा, “इस संदर्भ में भूटान के साथ पारंपरिक व अद्वितीय दोस्ती बनाए रखते हुए हम भूटान की राजशाही के साथ भी गहन परामर्श व समन्वय बनाए रखेंगे।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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