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माता-पिता नहीं थे राजी फिर भी किया प्रेम विवाह, जानिए कैसे हुई थी सुषमा स्वराज की शादी

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नई दिल्ली। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। मंगलवार रात को एम्स अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।

दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें करीब 9 बजे यहां भर्ती कराया गया था जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। उनके निधन की खबर मिलते ही भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शोक की लहर दौड़ गई।

सुषमा स्वराज के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, सोनिया गांधी सहित कई दिग्गज हस्तियां उन्हें श्रद्धांजलि देने उनके आवास पर पहुंची।

जानकारी के मुताबिक उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए बीजेपी दफ्तर में रखा जाएगा। दोपहर 3 बजे के बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।

सुषमा स्वराज के अचानक निधन से बीजेपी सहित विपक्षी दलों के नेता भी स्तब्ध हैं। राजनीति में उन्होंने ऐसे आयाम स्थापित कर दिए थे जिसके मुरीद विपक्ष के नेता भी थे।

संसद में अपने भाषण से वो विरोधियों को लाजवाब कर दिया करती थीं। आइए ऐसे में जानते हैं सुषमा स्वराज से जुड़ी कुछ अनकही बातें…

सुषमा स्वराज की पढ़ाई चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय से हुई थी। यहीं पर उनकी मुलाकात देश के सबसे युवा एडवोकेट जनरल से हुई थी।

उनके माता-पिता शादी के लिए राजी नहीं थे। सुषमा स्वराज के पति का नाम स्वराज कौशल है। 13 जुलाई 1975 को इनकी शादी हुई। पति स्वराज कौशल सुप्रीम कोर्ट के जाने-माने वकील हैं। 34 साल की उम्र में देश का सबसे युवा एडवोकेट जनरल बना दिया गया था।

सुषमा और स्वराज की प्रेम कहानी पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के लॉ डिपार्टमेंट में शुरू हुई। वहां दोनों पहली बार मिले, मुलाकातों का दौर शुरू हुआ।

प्यार हुआ, परवान चढ़ा और दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया। सुषमा और स्वराज को शादी करने के लिए खूब पापड़ बेलने पड़े क्योंकि दोनों के परिवार वाले इस शादी के लिए तैयार नहीं थे।

वो दौर तब का था, जब बेटियों को पर्दे के पीछे रखा जाता था। प्रेम विवाह करना तो दूर, होने वाले दूल्हे की शक्ल भी नहीं दिखाई जाती थी। लेकिन सुषमा स्वराज ने हिम्मत दिखाई और जैसे-तैसे परिवार को मनाकर शादी की।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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