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ट्रंप को नहीं चाहते अधिकांश अमेरिकी युवा : सर्वेक्षण

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ट्रंपवाशिंगटन| अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप द्वारा राष्ट्रपति पद के पूर्व डेमोक्रेटिक दावेदार बर्नी सैंडर्स के युवा समर्थकों से समर्थन की अपील करने के बावजूद एक नया मत सर्वेक्षण दर्शाता है कि लोकप्रियता हासिल करने वाला उनका यह खेल युवाओं के बीच ‘फ्लॉप’ हो गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, रविवार को जारी अमेरिकी वेबसाइट यूएसए टुडे डॉट कॉम/रॉक के हाल के एक मत सर्वेक्षण से पता चलता है कि 35 वर्ष से कम उम्र के अधिकांश अमेरिकी मतदाता राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन के पक्ष में मतदान करेंगे। इस उम्र के पांच में से एक मतदाता ने ही ट्रंप का समर्थन किया।

इसके अलावा, सैंडर्स के समर्थकों के बीच भी हिलेरी क्लिंटन ने ट्रंप को पछाड़ दिया। 72 प्रतिशत सैंडर्स के समर्थक हिलेरी के पक्ष में हैं, जबकि 11 प्रतिशत ने ट्रंप का समर्थन किया।

अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के गत अप्रैल महीने के आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका में 18 से 34 साल की उम्र के लोगों की संख्या 7.54 करोड़ है।

अमेरिका में हाल के सर्वेक्षणों में युवाओं का झुकाव डेमोक्रेटिक प्रत्याशी को वोट देने की ओर दिखा। यूएसए टूडे और रॉक के हाल के सर्वेक्षण दर्शाते हैं कि इस चुनाव में युवा मतदाता अप्रत्याशित हद तक रिपब्लिकन उम्मीदवार को खारिज कर सकते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, युवा मतदाताओं में ट्रंप के समर्थक अनुमानित 32 प्रतिशत से भी कम हैं। वियतनाम युद्ध के खिलाफ युवाओं के बीच नाराजगी के कारण साल 1972 में रिचर्ड निक्सन को युवा मतदाताओं में इतना ही समर्थन मिला था।

इस बीच, सर्वेक्षणों में इस बात पर भी मुहर लगती दिख रही है कि हिलेरी और ट्रंप के अधिकांश समर्थक उनके प्रति इसलिए नहीं निष्ठा दिखा रहे हैं कि वे उन्हें चाहते हैं, बल्कि इसकी वजह यह है कि वे दूसरे को नहीं चाहते हैं।

सर्वेक्षण के अनुसार, 54 प्रतिशत ट्रंप के समर्थक और 51 प्रतिशत हिलेरी के समर्थक कहते हैं कि उम्मीदवार को समर्थन करने एक कारण यह है कि वे ह्वाइट हाउस से दूसरे उम्मीदवार को बाहर रखना चाहते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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