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मनोरंजन

टॉलीवुड : छोटी फिल्मों का बड़ा कारनामा

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 दक्षिण भारतीय फिल्मोद्योग में वर्ष 2014 में अल्प बजट फिल्में विजेता के रूप में सामने आई हैं। ‘कार्तिकेय’ और ‘यामिरुक्का बायमेय’ जैसी लघु बजट फिल्मों ने न केवल जबर्दस्त कमाई की, बल्कि निवेशकों के लिए भी मुनाफा कमाया।

‘लिंगा’, ‘कथ्थी’, ‘वीरम’ और ‘अगादू’ जैसी बड़ी फिल्मों ने भी बॉक्स ऑफिस पर बढ़िया कमाई की, लेकिन वे सफल उपक्रम के रूप में अर्हता नहीं प्राप्त कर सकीं।

फिल्म व्यापार विश्लेषक त्रिनाथ ने आईएएनएस को बताया, “एक सफल फिल्म वह है, जो निर्माता से लेकर फिल्म वितरक और थिएटर संचालक तक प्रत्येक निवेशक को मुनाफा देती है। इन सब सितारों की फिल्में बहुत ऊंची कीमतों पर बिकी हैं, इसलिए वितरकों और अन्य निवेशकों के लिए मुनाफा कमाना बहुत कठिन हो जाता है।”

ए.आर. मुरुगादोस निर्देशित तमिल फिल्म ‘कथ्थी’ ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की, जबकि इसमें करीब 70 करोड़ रुपये निवेश किए गए थे। इसी तरह रजनीकांत की ‘लिंगा’ 80 करोड़ की फिल्म बताई गई है। इसने अपने पहले सप्ताहांत में दुनियाभर में 100 करोड़ रुपये कमा लिए हैं।

इस साल की सबसे फायदेमंद तमिल फिल्म ‘वेल्ला इल्ला पत्तथरी’, ‘अरणमनय’, ‘यामिरुक्का बायमेय’, ‘ठगिडी’, ‘गोली सोडा’ और ‘मान कराटे’ रही हैं।

कहा गया कि 12 करोड़ के बजट से बनी ‘अरणमनय’ ने 22 करोड़ रुपये कमाए हैं।

त्रिनाथ ने कहा, “अरणमनै’ को छोड़कर बाकी सभी फिल्में 10 करोड़ रुपये के बजट में बनी हैं, लेकिन वे बॉक्स ऑफिस पर करीब-करीब दोगुनी रकम कमाने में सफल रही हैं। इन फिल्मों ने सभी निवेशकों को मुनाफा दिया है, क्योंकि उन्हें उनसे अधिकार खरीदने में ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ा था।”

अन्य लोकप्रिय तमिल फिल्मों में ‘मंजापाय’, ‘सथ्रूरंगा वेट्टाई’, ‘कथै थिरायकथै वसानम इयक्कम’, ‘मुंदासुपत्ती’ और ‘नाइगल जाकिराथै’ जैसी फिल्में शामिल हैं।

फिल्म वितरक अरविंद नांबियार ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “दर्शक रचनात्मक विषय सामग्री को सराह रहे हैं। ‘सथ्रूरंगा वेट्टाई’ जैसी लघु बजट फिल्मों की सफलता में यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है। कौन उम्मीद करेगा कि एक कुत्ते की मुख्य भूमिका वाली ‘नाइगल जाकिराथै’ जैसी फिल्म इतना अच्छा कारोबार करेगी।”

नांबियार के अनुसार, निवेशकों को मुनाफा दिलाने के लिहा

प्रादेशिक

सलमान खान फायरिंग मामला: आरोपी अनुज थापन ने पुलिस कस्टडी में की आत्महत्या

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मुंबई। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। खबर है है कि इस मामले में जो आरोपी पकड़े गए थे, उनमें से एक ने आत्महत्या कर ली है। मरने वाले का नाम अनुज थापन है। अनुज थापन पर फायरिंग केस में हथियार मुहैया करवाने का आरोप था।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी अनुज थापन ने कस्टडी में मिलने वाली चद्दर से ही अपनी जान लेने का प्लान बनाया। उसने बाथरूम में चद्दर से फंदा लगाकर अपनी जान ले ली। जैसे ही वहां मौजूद लोगों को इस बात की भनक पड़ी उसे तुरंत पास ही के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। लेकिन GT अस्पताल में पहले उनकी हालत गंभीर बताई गई और फिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

14 अप्रैल को सलमान खान के घर पर जिन हथियारों से फायरिंग की गई, उन्हें मुहैया कराने का आरोप अनुज पर है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अपनी जांच के बाद पंजाब से इस आरोपी को हिरासत में लिया था। 32 साल के अनुज थापन ट्रक के हेल्पर के तौर पर काम करता है। थापन लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में रहा और इसपर वसूली और आर्म्स एक्ट मामले दर्ज था।

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