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सीएम अखिलेश ने ठुकराया शिवपाल का आमंत्रण, जिलाध्यक्षों की बैठक से बनाई दूरी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच खींचतान शुक्रवार को भी दिखी। यहां आयोजित जिलाध्यक्षों की बैठक से मुख्यमंत्री ने किनारा कर लिया। शिवपाल ने बैठक में शामिल होने के लिए अखिलेश को आमंत्रण दिया था, लेकिन वह नहीं पहुंचे।
इधर, सपा की दो दिनी बैठक शुक्रवार से ही लखनऊ में पार्टी मुख्यालय पर शुरू हो गई। बैठक की अध्यक्षता शिवपाल सिंह यादव ने की। पार्टी सूत्रों के अनुसार, शिवपाल इस बैठक के लिए गुरुवार की शाम अखिलेश यादव को बुलाने स्वयं भी पहुंचे थे और दोनों के बीच करीब दो घंटे तक बातचीत भी हुई थी।
पार्टी मुख्यालय पर जिला अध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की मंथन बैठक जारी है। इस बैठक में शिवपाल यादव, अशोक वाजपेयी समेत अन्य नेताओं ने भी शिरकत की। सपा के सूत्रों ने बताया कि जिलाध्यक्षों की बैठक में तो अखिलेश यादव नहीं पहुंचे, लेकिन शनिवार को राज्य कार्यकारिणी और पार्टी के विधान परिषद सदस्यों की बैठक होनी है। माना जा रहा है कि इस बैठक में अखिलेश यादव शामिल होंगे। अखिलेश प्रदेश पार्टी संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं और एमएलसी भी।
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने 24 अक्टूबर को पार्टी संसदीय बोर्ड की बैठक बुलाई है, जिसमें मौजूदा विधायक, सांसद और पूर्व सांसद शिरकत करेंगे। इस बैठक में भी अखिलेश के शामिल रहने की उम्मीद है। गौरतलब है कि कुनबे में चल रहे कलह को सपा अध्यक्ष मुलायम ने दबा दिया था, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल की ओर से 21 प्रत्याशियों को टिकट दिए जाने की घोषणा के बाद यह फिर खुलकर सामने आ गई।
गायत्री प्रसाद प्रजापति को पहले अखिलेश ने अवैध खनन के आरोपों पर बर्खास्त कर दिया था। अखिलेश ने चाचा शिवपाल से भी अहम मंत्रालय वापस लिए थे। बाद में शिवपाल के बगावती तेवर और सपा अध्यक्ष मुलायम के हस्तक्षेप के बाद अखिलेश को अपने फैसले वापस लेने पड़े, प्रजापति को फिर कैबिनेट में शामिल करना पड़ा है।
नेशनल
भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव
एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।
उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।
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