Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जिनका नेचर से लगाव उनका लिटरेचर की ओर झुकाव : प्रसून जोशी

Published

on

Loading

Prasoon joshiमुंबई। लेखक-गीतकार प्रसून जोशी को जयपुर साहित्य महोत्सव में एमिटी विश्वविद्यालय की ओर से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है। उनका कहना है कि जो प्रकृति को और अधिक उजागर कर रहे हैं वहीं साहित्य को बढ़ावा दे रहे हैं। प्रसून ने कहा, “..जो प्रकृति जैसे हिल स्टेशन और पहाड़ के करीब हैं वह शहर के व्यस्त जीवन को उजागर नहीं करते हैं। इसलिए उनका साहित्य के प्रति झुकाव है।” प्रसून ने फिल्म ‘तारे जमीं पर’, ‘भाग मिल्खा भाग’ और ‘रंग दे बसंती’ के अलावा कई सारी प्रशंसित बॉलीवुड फिल्में लिखी हैं।

उन्होंने कहा, “आप अपने बच्चे को डॉक्टर या इंजीनियर बना सकते हैं, लेकिन आप उसे एक लेखक नहीं बना सकते, जब तक कि उसने बचपन से बहुत पढ़ा न हो। दुर्भाग्यवश शहरी जीवन में ऐसा संभव नहीं है। यहां तक कि साक्षर व्यक्ति जो शहर में रहता है वह अक्सर प्रकृति की यात्रा करता है, इससे उसे ऊर्जा मिलती है।”

उन्हें ऐसा भी लगता है कि सिद्धांत की तुलना में पैसा अधिक मजबूत हो गया है। उन्होंने कहा, “आज हमारे आदर्श वैसे लोग हैं, जिसके लिए पैसा महत्वपूर्ण है, जो बेकार और लुटेरे हैं। हमें उन्हें अपना आदर्श नहीं बनाना चाहिए। हमें नहीं सोचना चाहिए कि यह पैसा कैसे कमाया जाए। मैं पैसे कमाने के खिलाफ नहीं हूं।” उन्होंने कहा, “हमें अपना आदर्श वैसे लोगों को बनाना चाहिए, जिसने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की है।”

जोशी को दो बार सर्वश्रेष्ठ गीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है और कला, साहित्य और विज्ञापन में योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा 2015 में उन्हें पद्मश्री से भी सम्मानित किया गया। जोशी को शनिवार को जयपुर साहित्य महोत्सव में एमिटी विश्वविद्यालय की ओर से मानद डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया।

एक प्रसिद्ध भारतीय कवि, विचारक, गीतकार, पटकथा लेखक के रूप में कला, साहित्य और विज्ञापन के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्रसून जोशी को डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी (डी. फिल.) की उपाधि से सम्मानित किया गया।

इसके अलावा सम्मान पाने वाले व्यक्तियों में अब्दुला गुल (तुर्की के राष्ट्रपति), एलेन जॉनसन सरलीफ (लाइबेरिया की राष्ट्रपति), अरुण जेटली, प्रो. सी.एन.आर. राव, डॉ. आर.ए. माशेलकर, डॉ. एस.के. ब्रह्मचारी, डॉ. के. कस्तूरीरंगन, डॉ. के. राधाकृष्णन, डॉ. आर. चिदंबरम, अजय जी. परिमल, डॉ. शेखर बसु, प्रो. बिबेक डेबरॉय, शोभाना भारतीय और एन.आर. नारायण मूर्ति सहित कई शामिल थे।

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

Continue Reading

Trending