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मुख्य समाचार

जयललिता के स्वास्थ्य की जांच एम्स के चिकित्सक करेंगे

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जयललिता

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जयललिता चेन्नई| अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के तीन चिकित्सकों का दल तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के स्वाथ्य की जांच करेगा, जो पिछले महीने से ही अस्पताल में भर्ती हैं। रिपोर्ट के अनुसार, फेफड़ों के विशेषज्ञ जी.सी. खिलनानी, हृदय रोग विशेषज्ञ नीतीश नाइक और एनेस्थेटिस्ट अंजन त्रिखा 68 वर्षीया जयललिता के स्वास्थ्य की जांच करेंगे।

हालांकि अपोलो अस्पताल, जहां जयललिता भर्ती हैं और राज्य सरकार आधिकारिक टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। एम्स की मेडिकल टीम से पहले लंदन के सेंट थॉमस अस्पताल के चिकित्सक रिचर्ड बील, जयललिता की जांच कर चुके हैं। अपोलो अस्पताल के अनुसार, बीगल के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के आधार पर ही उनका उपचार किया जा रहा है।

उपचार योजना में उच्च एंटीबायोटिक दवाएं, रिसपॉयरेटरी सपोर्ट और अन्य संबद्ध नैदानिक उपायों को लगातार संक्रमण का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जयललिता को बुखार और निर्जलीकरण के कारण 22 सितंबर को अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

वहीं, अपोलो अस्पताल ने शुरू में कहा था कि जयललिता का बुखार का इलाज किया गया था, बाद में उन्होंने कहा कि उनका संक्रमण का इलाज चल रहा है। जयललिता को अस्पताल में कुछ और दिन रहने की सलाह दी गई है।  मद्रास उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर को एडिशनल एडवोकेट जनरल को सरकार से जयललिता के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लेने को कहा था।

सामाजिक कार्यकर्ता ट्रैफिक रामास्वामी ने जयललिता के स्वास्थ्य की वास्तविक स्थिति की मांग करते हुए मद्रास उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की है। न्यायालय ने यह भी कहा है कि लोग मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में जानने के लिए बेचैन हैं।
ट्रैफिक रामास्वामी ने जानना चाहा कि क्या जयललिता महत्वपूर्ण निर्णय लेने और अधिकारियों व मंत्रियों के साथ बैठकें करने के लिए स्वस्थ्य हैं?

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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