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आध्यात्म

छात्रों की जरूरतें पूरी करेगा ‘स्टूडेंट सेंट्रिक रेंटल साल्यूशन’

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नई दिल्ली, 6 फरवरी (आईएएनएस)| घर से दूर रह रहे छात्रों को थोड़े समय के लिए पढ़ाई, खेलकूद, संगीत संबंधी सामान या स्टडी फर्नीचर किराए पर उपलब्ध कराने के लिए ‘वन स्टॉप स्टूडेंट सेंट्रिक रेंटल सॉल्यूशन’ बाजार में लॉन्च किया गया है।

इससे छात्र सभी सामान का ज्यादा से ज्यादा उपभोग कर अधिक से अधिक लाभ ले सकते हैं। छात्र इसके साथ बचत भी कर सकते हैं।

‘पुस्तक कोष’ छात्रों को किराए पर टेक्सटबुक मुहैया कराने के क्षेत्र में अग्रणी बन ही चुका है।

छात्र पुस्तक कोष तक पोर्टल, एंड्रॉयड ऐप, कस्टमर केयर या व्हाट्सऐप हेल्पलाइन (9136437970/9911372785) से संपर्क कर सकते हैं। इससे छात्र आसानी से किताबों या अपनी जरूरत के दूसरे सामान को सुविधाजनक ढंग से किराए पर ले सकते हैं या बेच सकते हैं। वे किराया चुकाने की अवधि और किराया तय कर उस आइटम को ऑर्डर कर सकते हैं। रेंट की अवधि खत्म होने के बाद रिफंडएबल सिक्योरिटी लौटाने और रेंट काटने के बाद सामान को वापस लौटाया जा सकता है। अगर कोई छात्र किसी किताब को रखना चाहता है या रेंट की अवधि को बदलना चाहता है तो उसका भी विकल्प मौजूद है।

इसी तरह अगर कोई स्टूडेंट किताब या सामान को बेचने में दिलचस्पी रखता है तो पोर्टल पर इसके लिए रिक्वेस्ट दी जा सकती है। अगर किसी स्टूडेंट के पास बड़ी संख्या में किताबें या दूसरे आइटम हों तो वह प्लेटफर्म पर एक विक्रेता के रूप में खुद को रजिस्टर कर सकते हैं।

पुस्तक कोष के सहसंस्थापक शचिन्द्र ने बताया, छात्रों के अनुरोध और टेक्सटबुक किराए पर देने के अनुभव के बाद हमने छात्रों की इस जरूरत को पूरा करने की दिशा में भी सोचा जिससे बहुत से छात्रों को उनकी जरूरत का सामान कम से कम किराए पर सस्ती दरों पर मिल सके।

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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