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आध्यात्म

वेलेंटाइन्स डे पर जारी होगी निकिता की किताब ‘लेटर्स टू माइ एक्स’

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नई दिल्ली, 5 फरवरी (आईएएनएस)| वेलेंटाइन्स डे से एक सप्ताह पहले उपन्यास प्रेमियों के लिए एक रोमांचक खबर आई है। दस उपन्यासों की ‘बेस्ट सेलर’ लेखिका निकिता सिंह ने अपनी अगली किताब ‘लेटर्स टू माइ एक्स’ को वेलेंटाइन्स डे पर रिलीज करने की घोषणा की है।

इस उपन्यास में मौसम के भाव के साथ न केवल सुखद प्यार है, साथ ही प्यार के दौरान और बाद का एहसास भी बताया गया है। यह वास्तविक संबंधों पर आधारित है, जैसे वे विकसित होते हैं और संबंध विच्छेद होता है और यह केवल परियों की कहानियों में मिलने वाले प्यार के बारे में नहीं है।

सिंह ने आईएएनएस को बताया, इस किताब में दो लोगों के बीच हुए पत्र व्यवहार को दिखाया गया है, जिन्होंने एक-दूसरे को दुख पहुंचाया है और अब दुख से निकलते हुए अपनी जिंदगी संवारने की कोशिश करते हैं। यह बहुत भावुक कहानी है, जिसे लिखते समय मुझे मजा आया। लोगों की प्रतिक्रिया जानने के लिए मैं बहुत उत्सुक हूं।

पटना में जन्मीं और इंदौर में पली-बढ़ीं निकिता ने नई दिल्ली के पुस्तक प्रकाशन उद्योग में कुछ वर्षो तक काम किया है। इसके बाद उन्होंने न्यूयार्क के ‘द न्यू स्कूल’ में सृजनात्मक लेख (कहानी) में एमएफए (मास्टर इन फाइन आर्ट) किया। अब वह मैनहट्टन में रहती हैं। वहां वह एक सोलर एनर्जी कंपनी के लिए डिजिटल कंटेंट देखती हैं।

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आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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