अन्तर्राष्ट्रीय
चीन के साथ बातचीत को तिब्बत तैयार : सांगय
धर्मशाला | तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा के दूत चीन के अपने समकक्षों के साथ वार्ता करने के लिए तैयार हैं। निर्वासित तिब्बती सरकार के प्रधानमंत्री लोबसांग सांगय ने यहां मंगलवार को यह जानकारी दी। तिब्बत के 56वें राष्ट्रीय विद्रोह दिवस की वर्षगांठ पर सांगय ने कहा, “दलाई लामा के दूत अपने चीनी समकक्षों के साथ किसी भी समय और स्थान पर बातचीत के लिए तैयार हैं।”
इस दौरान सांगय ने ‘मध्य मार्गी दृष्टिकोण’ अपनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने इस मध्य मार्गी दृष्टिकोण के तहत चीन से तिब्बत को अलग नहीं करने की मांग करते हुए तिब्बत के लोगों के लिए वास्तविक स्वायत्तता की मांग की है। उन्होंने कहा, “तिब्बत के लोगों के लिए वास्तविक स्वायत्तता निर्धारित करने की दिशा में मंत्रिमंडल की सलाहकार समिति ‘कार्य बल’ ने जनवरी के प्रथम सप्ताह में एक सम्मेलन आयोजित किया था।” इस सम्मेलन में तिब्बत में राजनीतिक विकास, चीनी नेतृत्व के साथ भावी वार्ताओं और व्यापक अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में विकास जैसे गहन मुद्दों पर चर्चा की गई। सांगय ने अपने बयान में कहा, “तिब्बती नेतृत्व का यह सशक्त विश्वास है कि दलाई लामा के दूतों और चीनी नेतृत्व के प्रतिनिधियों के बीच सिर्फ बातचीत से ही इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है।”
तिब्बती संसद के अध्यक्ष पेनपा सेरिंग ने एक अलग बयान में कहा, “मध्य मार्गी दृष्टिकोण के जरिए समस्या के समाधान की हमारी नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। तिब्बत में मौजूदा हालात और तिब्बत के महत्वपूर्ण मुद्दों को सुलझाने के हमारे प्रयासों से चीन और तिब्बत दोनों को ही लाभ होगा।” आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, चीन और दलाई लामा के दूतों ने तिब्बती मुद्दों को सुलझाने के लिए 2002 से लेकर अब तक नौ दौर की वार्ताएं की हैं। दोनों पक्षों के बीच आखिरी दौर की बातचीत जनवरी 2010 में बीजिंग में हुई थी और तब से दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बना हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय
कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित
नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।
एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।
कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।
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