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अन्तर्राष्ट्रीय

चीन की पहली हाईस्पीड रेल के विस्तारित खंड का संचालन शुरू

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बीजिंग। चीन की पहली हाईस्पीड रेल के विस्तार के बाद रविवार से इसका संचालन शुरू हो गया। इसके बाद अब बीजिंग से तिआनजिन जिले तक पहुंचने में लगभग एक घंटे का समय लगेगा। इस नई रेलवे लाइन का विस्तार तिआनजिन हाईस्पीड रेलवे स्टेशन से बिन्हाई न्यू एरिया के यूजीयापू वाणिज्यिक जिले तक किया गया है। यह विस्तार योजना बीजिंग, तिआनजिन नगरपालिका और हेबेई प्रांत को जोड़ने की योजनाओं का ही हिस्सा है।

इस लाइन पर रेलगाड़ी 350 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलती है। इस रेल नेटवर्क का यूजीयापू स्टेशन भूमिगत है, जिसकी भूमिगत मार्गो, बसों और अन्य सार्वजनिक परिवहन माध्यमों से कनेक्टिविटी है। विस्तार के अलावा इस शहर की कम से कम छह अन्य अंतर-शहरी लाइनें निर्माणाधीन हैं।

इस क्षेत्र में 2050 तक 24 नई अंतर-शहरी रेल लाइनों का निर्माण किया जाएगा, जिनकी कुल लंबाई 3,453 किलोमीटर होगी। इसके अलावा, अगले दो साल में 940 किलोमीटर से अधिक लंबे राजमार्ग का निर्माण किया जाएगा, जिससे बीजिंग-तिआनजिन-हेबेई के बीच तीन घंटे के दायरे में यात्रा हो सकेगी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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