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अन्तर्राष्ट्रीय

खामेनी के दिशानिर्देश पर होगी परमाणु वार्ता : रूहानी

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तेहरान। ईरान अपने सर्वोच्च नेता अयातुल्ला सैयद अली खामेनी के दिशानिर्देश पर विश्व की छह महाशक्तियों के साथ परमाणु मुद्दे पर वार्ता जारी रखेगा।

राष्ट्रपति हसन रूहानी ने गुरुवार को बताया कि ईरान तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर न्यायोचित सौदा करने के लिए पी5+1 के साथ गंभीर वार्ता करना चाहता है। रूहानी ने कहा, “हमारा मुद्दा बातचीत है, हम सिर्फ एक रुख को अपनाना नहीं चाहते, बल्कि हम गंभीर वार्ता और उचित समझौता चाहते हैं।” उन्होंने छह महाशक्तियों के साथ परमाणु वार्ता को बड़ा राजनीतिक मुद्दा करार दिया, और कहा कि आज हम देश के अधिकार को वार्ता और अंत:क्रिया के जरिए मिलाना चाहते हैं।

उन्होंने देश की समस्याओं के समाधान के लिए राष्ट्रीय एकता और एकजुटता की अपील की। राष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब ईरान तथा पी5+1 समूह (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन तथा रूस और जर्मनी ) ऑस्ट्रिया के वियना में गहन वार्ता कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जून के अंत तक ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े संभावित सौदे का मसौदा तैयार करना है।

इस बीच, विदेश मंत्री जवाद जारिफ शनिवार को वियना का दौरा करेंगे, जहां वह उप विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची और माजिद तख्त-ए-रवांची से मिलेंगे, जो कि 17 जून से ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर संभावित समग्र समझौते के मसौदे को लेकर वार्ता कर रहे हैं। अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता जॉन किर्बे ने बताया कि विदेश मंत्री जॉन केरी भी शुक्रवार को वियना जाएंगे और परमाणु वार्ता में हिस्सा लेंगे। पी5+1 के विदेश मंत्रियों के भी वियना में होने वाली वार्ता में शामिल होने की संभावना है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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