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केंद्र ने कांग्रेस की इस्तीफों की मांग को किया खारिज

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को भ्रष्टाचार और अन्य गलत गतिविधियों में लिप्त भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंत्रियों और अन्य नेताओं के इस्तीफे की कांग्रेस की मांग खारिज कर दी। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री एम.वेंकैया नायडू ने यहां सर्वदलीय बैठक के बाद मीडिया से कहा, “इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता। किसी ने कुछ गैरकानूनी या अनैतिक कार्य नहीं किया है।”

उन्होंने कहा, “किसी की चुनौती को स्वीकारने का प्रश्न ही नहीं उठता।” वेंकैया स्पष्ट तौर पर कांग्रेस की उन मांगों के संदर्भ में बोल रहे थे, जिनमें कहा गया था कि यदि सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे संसद सत्र का सुचारु संचालन चाहती है तो विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान व मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों से इस्तीफे ले लिए जाएं। वेंकैया ने कहा, “कोई भी व्यक्ति संसद पर शर्ते नहीं थोप सकता। संसद सर्वोपरि है। विपक्ष जो भी मुद्दे उठाना चाहता है, हम उनपर चर्चा के लिए तैयार हैं।”

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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