अन्तर्राष्ट्रीय
कतर के साथ जीसीसी का कूटनीतिक विवाद समाप्त
रियाद| सऊदी अरब, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने कतर के साथ अपने कूटनीतिक विवाद सुलझा लिए हैं और वहां दोबारा अपने राजदूत भेजने पर राजी हो गए हैं। ‘गल्फ न्यूज’ के अनुसार, यह फैसला रविवार रात रियाद में खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के सदस्य राष्ट्रों के नेताओं की मुलाकात के दौरान किया गया।
जीसीसी में बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और यूएई शामिल हैं।
रविवार को यह महत्वपूर्ण फैसला कतर द्वारा अन्य देशों के आंतरिक मामलों में दखल न देने का वादा करने के बाद किया गया।
सऊदी अरब के शाह अब्दुल्ला बिन अब्दुल्लअजीज की अध्यक्षता में हुई परिषद की शिखर बैठक में बहरीन के शाह हमद बिन इसा अल-खलीफा, कुवैत के शासक शेख सबाह अल-अहमद अल-सबाह और यूईई के उपप्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन राशिद अल-मकतूम ने हिस्सा लिया।
कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ने भी बातचीत में हिस्सा लिया और उनके प्रतिनिधिमंडल में प्रधानमंत्री और आंतरिक मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन नासिर बिन खलीफा और विदेश मंत्री खालिद अल-अतिया शामिल थे।
जीसीसी ने कतर पर मुस्लिम ब्रदरहुड को समर्थन देकर परिषद में शामिल देशों की घरेलू सुरक्षा को खोखला करने का आरोप लगाया था और इस साल मार्च में कतर से अपने राजदूत वापस बुला लिए थे।
यूएई और सऊदी अरब ने मुस्लिम ब्रदरहुड को आतंकवादी संगठनों की सूची में शामिल कर दिया है।
कुवैत ने जीसीसी के अपने सहयोगी सदस्यों के बीच मध्यस्थता करने का प्रयास किया है।
कतर ने पिछले सप्ताह वार्षिक शिखर सम्मेलन में इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करने के लिए जीसीसी मंत्रिस्तरीय परिषद की एक बैठक भी बुलाई थी, लेकिन इसे बिना कोई कारण दिए आगे के लिए टाल दिया गया था।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड
इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।
रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।
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