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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा से मुलाकात के लिए उत्सुक : शी

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सिएटल। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा है कि वह अमेरिका के अपने पहले दौरे के दौरान राष्ट्रपति बराक ओबामा के साथ विचारों के गहन आदान-प्रदान के लिए उत्सुक हैं। ग्लोबल टाइम्स की रपट के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के प्रतिनिधि, वाशिंगटन के गवर्नर जे इंसली के नेतृत्व में संघीय अधिकारियों ने शी और उनकी पत्नी पेंग लियुआन की मंगलवार को अगवानी की।

शी ने यहां पहुंचने के बाद जारी एक बयान में कहा, “मैं राष्ट्रपति ओबामा के साथ विचारों के गहन आदान-प्रदान के लिए और अमेरिकी जनता के साथ आदान-प्रदान के लिए उत्सुक हूं।” उन्होंने कहा, “मुझे भरोसा है कि दोनों पक्षों के समन्वित प्रयासों से मेरे दौरे का फलदायी परिणाम निकलेगा और चीन-अमेरिका संबंध एक नई ऊंचाई प्राप्त करेंगे।”

शी सिएटल में अपने प्रवास के दौरान चीन-अमेरिका संबंधों पर एक प्रमुख नीतिगत व्याख्यान भी देंगे। वह चीन-अमेरिका गवर्नर्स फोरम और एक उद्यमी सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे, जिसमें दोनों देशों की व्यापारिक हस्तियां जुटेंगी। अमेरिका के वेस्ट कोस्ट से शी वाशिंगटन के लिए रवाना होंगे, जहां वह व्हाइट हाउस में ओबामा के साथ एक शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे। वहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाएगी और वह एक राजकीय भोज में शामिल होंगे।

शी-ओबामा के बीच यह पांचवीं मुलाकात होगी। ओबामा नवंबर में चीन के आधिकारिक दौरे पर गए थे। दोनों सितंबर 2013 में और मार्च 2014 में दो बहुपक्षीय शिखर सम्मेलनों से अलग भी मिले थे। शी अपने अमेरिका दौरे के दौरान न्यूयॉर्क भी जाएंगे, जहां वह संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पहली बार अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। वह वहां जलवायु परिवर्तन जैसे विषयों पर कई शिखर बैठकों और सम्मेलनों में हिस्सा लेंगे और कई सारे नेताओं से मुलाकात करेंगे।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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