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अन्तर्राष्ट्रीय

ओबामा ने नेतन्याहू को बधाई दी

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वाशिंगटन | राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को फोन कर चुनावी जीत पर बधाई दी। समाचार एजेंसी एफे के अनुसार, इस संबंध में व्हाइट हाउस से जारी बयान में कहा गया है, “ओबामा और नेतन्याहू ने इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के समाधान की कठिन राहों सहित विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत जारी रखने पर सहमति जताई।”

बयान के मुताबिक, ओबामा ने द्वि-राष्ट्र समाधान को लेकर अमेरिका की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया, जिसमें एक सुरक्षित इजरायल और संप्रभु फिलिस्तीन की बात है। नेतन्याहू और ओबामा के संबंधों में पिछले कुछ दिनों में तनाव बढ़ गया, क्योंकि इजरायली नेता ने फिलिस्तीन-इजरायल संघर्ष के समाधान के लिए न सिर्फ अमेरिका के द्वि-राष्ट्र सिद्धांत के प्रति नापसंदगी जाहिर की है, बल्कि उन्होंने ओबामा सरकार के नेतृत्व में ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर किसी व्यापाक समाधान तक पहुंचने के लिए की जा रही वार्ता का भी विरोध किया है। दोनों नेताओं के बीच तनाव उस वक्त और स्पष्ट हो गया, जब ओबामा प्रशासन की आपत्ति के बावजूद रिपब्लिकन सांसदों के आमंत्रण पर नेतन्याहू ने इस माह की शुरुआत में अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित किया था।

इधर, नेतन्याहू के सोमवार के बयान से एक बार फिर नया विवाद पैदा होता नजर आया, जब वह द्वि-राष्ट्र समाधान की अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हटते दिखे, जिसका अमेरिका दो दशकों से समर्थन करता आ रहा है। इधर, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता जेन साकी ने गुरुवार को कहा था कि अमेरिकी सरकार यह महसूस करती है कि इजरायल के प्रधानमंत्री ने अपने रुख को बदल दिया है, जबकि अमेरिका इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के द्वि-राष्ट्र समाधान के लिए प्रतिबद्ध है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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