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नेशनल

ओडिशा तट से अग्नि-5 का सफल परीक्षण

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स्वदेशी तकनीक, मिसाइल अग्नि-5, डीआरडीओ, आईटीआर, रक्षा सूत्र, आईसीबीएमभुवनेश्वर | भारत ने सोमवार को स्वदेशी तकनीक से विकसित अंतरमहाद्वीपीय सतह से सतह पर मार करने वाली परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इसका परीक्षण ओडिशा के बलासोर जिले में अब्दुल कलाम द्वीप से किया गया। यह मिसाइल का चौथा और अंतिम परीक्षण था। इस मिसाइल का विकास और सफलतापूर्वक परीक्षण रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा एकीकृत निर्देशित प्रक्षेपास्त्र विकास कार्यक्रम के तहत किया है।

रक्षा सूत्रों ने कहा कि इसे पूर्वाह्न् करीब 11.05 बजे मोबाइल लांचर के जरिये एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के कॉम्प्लेक्स-4 से छोड़ा गया।एक आधिकारिक सूत्र ने कहा, “हम रडारों से जानकारी जुटाने के बाद परीक्षण की सफलता का आकलन कर रहे हैं। रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रक्षेपण सफल है।”इस मिसाइल के कनस्तर संस्करण का परीक्षण 31 जनवरी को सफलतापूर्वक किया गया।

अग्नि-5 मिसाइल को संग्राहक के तौर पर और कनस्तर से परिचालन के लिए तैयार किया गया है। इसकी संग्राहक क्षमता, परिचालन तत्परता, परिवहन क्षमता और प्रतिक्रिया समय को बढ़ाया गया है।मिसाइल में रिंग लेसर गाइरो-बेस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (आरआईएनएस) और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (एमआईएस) का इस्तेमाल किया गया है। इससे मिसाइल को लक्ष्य पर सटीक निशाना लगाने में मदद मिलेगी।

अंतिम विकास परीक्षण की सफलता के साथ अग्नि-5 अब भारत के सामरिक शस्त्रागार में शामिल होने के लिए तैयार है।राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सफल प्रक्षेपण के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को बधाई दी।मुखर्जी ने एक ट्वीट में कहा, “अग्नि-5 के सफलतापूर्वक परीक्षण के लिए बधाई। इससे हमारी सामरिक और प्रतिरोधक क्षमताओं में वृद्धि होगी।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “अग्नि-5 के सफल परीक्षण से हर भारतीय को गर्व है। इससे हमारी सामरिक रक्षा की मजबूती में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।”इंटर-कांटिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 में पूरे एशिया और यूरोप व अफ्रीका के कुछ हिस्सों को निशाना बनाने की क्षमता है।

अग्नि-5 एक उन्नत मिसाइल है। यह 5,000 हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक निशाना साधने में सक्षम है। यह 17 मीटर लंबी और 2 मीटर चौड़ी है, जबकि इसका वजन 50 टन है।मिसाइल एक टन से ज्यादा परमाणु सामग्री ले जाने में सक्षम है।

अग्नि-5 के भारतीय सेना में शामिल हो जाने के बाद भारत आईसीबीएम समूह के विशिष्ट देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएगा। इस श्रेणी में अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं।ग्नि-5 का पहला परीक्षण 19 अप्रैल, 2012 को हुआ था। इसके बाद दूसरा परीक्षण 15 सितंबर, 2013 व तीसरा 31 जनवरी, 2015 को किया गया था।

 

नेशनल

दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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