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बिजनेस

सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की मियाद बढ़ाई

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नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई है। आयकर विभाग ने सोमवार को यह जानकारी दी और करदाताओं से 31 अगस्त तक आधार को पैन से जोडऩे के लिए कहा। आयकर विभाग ने ट्वीट किया, “करदाताओं को आ रही परेशानियों के मद्देनजर, साल 2016-17 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर पांच अगस्त कर दी गई है।”

आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, लेकिन आयकर विभाग को शिकायतें मिली थीं कि काफी संख्या में करदाता भारी ट्रैफिक के कराण ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग ऑन नहीं कर पा रहे हैं। एक जुलाई से आयकर रिटर्न भरने की प्रक्रिया में आधार नंबर को अनिवार्य करने के मद्देनजर करदाताओं को आ रही दिक्कतों के मद्देनजर भी रिटर्न दाखिल करने की समयसीमा में विस्तार किया गया है।

वित्त मंत्रालय के एक बयान के मुताबिक, “कुछ शिकायतें मिली हैं कि करदाताओं को आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर लॉग-इन करने अथवा पैन (स्थायी खाता संख्या) और आधार डेटाबेस में नाम एकसमान न होने के कारण पैन से ‘आधार’ को जोडऩे में मुश्किलें पेश आ रही हैं।

बयान के मुताबिक, “वैसे तो तकनीकी समस्याओं को पहले ही बाकायदा दूर कर दिया गया है, लेकिन लॉग-इन करने में असमर्थ होने का मुख्य कारण यह था कि अंतिम तारीख होने के कारण एकदम से करदाताओं की भीड़ बढ़ गई और इसके साथ ही ऐसे लोग जो पहले ही लॉग-इन कर चुके थे, वे इसमें मुश्किलें पेश आने के अंदेशे को ध्यान में रखते हुए घबराहट में आकर पूरी अवधि तक लॉग-इन का फायदा उठाना चाहते थे।”

घबराहटपूर्ण माहौल को देखते हुए करदाताओं को सहूलियत देने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं, जिनमें रिटर्न की ई-फाइलिंग के लिए फिलहाल ई-फाइलिंग वेबसाइट पर ‘आधार’ अथवा आधार के लिए आवेदन करने पर मिली पावती संख्या को दर्ज कर देना ही पर्याप्त होगा। इसके बाद आधार से पैन को वास्तव में 31 अगस्त, 2017 से पहले कभी भी जोड़ा जा सकता है। हालांकि, जब तक ‘पैन’ से ‘आधार’ को नहीं जोड़ा जाएगा या लिंक किया जाएगा, तब तक आयकर रिटर्न की प्रोसेसिंग नहीं होगी।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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