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ओआरओपी आत्महत्या : पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने गांव जाएंगे केजरीवाल
नई दिल्ली| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ओआरओपी योजना लागू किए जाने की मांग को लेकर आत्महत्या करने वाले पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने के लिए गुरुवार को हरियाणा में उनके गांव जाएंगे। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, “आज (गुरुवार) राम किशन (ग्रेवाल) जी के गांव जाऊंगा और वहां उनके परिवार से मुलाकात करूंगा।”
राजपूताना राइफल्स के पूर्व सैनिक राम किशन ग्रेवाल (70) हरियाणा में भिावानी के बमला गांव के निवासी थे। उन्होंने मंगलवार की रात दिल्ली के एक पार्क में वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) योजना लागू किए जाने की कथित मांग को लेकर जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
केजरीवाल बुधवार को ग्रेवाल के परिवार से मुलाकात के लिए लेडी हार्डिग मेडिकल कॉलेज गए थे, जहां पूर्व सैनिक का शव पोस्टमार्टम के लिए लाया गया था। हालांकि यहां केजरीवाल की पूर्व सैनिक के परिजनों से मुलाकात नहीं हो पाई थी, क्योंकि ग्रेवाल के परिजनों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था।
केजरीवाल ने जब हिरासत में रखे गए पूर्व सैनिक के परिजनों से मुलाकात की कोशिश की तो उन्हें भी हिरासत में ले लिया गया और देर रात तक आर.के. पुरम पुलिस थाने में रखा गया।
उन्हें करीब आधी रात को छोड़ा गया।
केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, “इतिहास खुद को दोहरा रहा है। अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान कांग्रेस ने दिल्ली पुलिस की आड़ में छिपकर गुंडागर्दी की थी। अब भाजपा सरकार दिल्ली पुलिस की आड़ में छिपकर गुंडागर्दी कर रही है।”
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जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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