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ऋण माफी से किसानों को कोई लाभ नहीं : रघुराम राजन

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उदयपुर (राजस्थान)| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गर्वनर रघुराम राजन ने शनिवार को कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों की किसानों के लिए चलाई गई ऋण माफी योजना का किसानों को कोई लाभ नहीं मिल पाया क्योंकि उसके बाद उन्हें और ऋण मिलना बंद हो गया। उदयपुर स्थित मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के अर्थशास्र विभाग द्वारा आयोजित ‘इंडियन इकोनॉमिक्स एसोसिएशन’ के 97वें वार्षिक सम्मेलन में राजन ने कहा, “अध्ययन बताते हैं कि ऋण माफी कार्यक्रम अप्रभावी हैं, क्योंकि किसानों द्वारा लिया गया ऋण एक बार माफ हो जाने के बाद दोबारा ऋण नहीं मिलता।”

किसानों द्वारा आत्महत्या करने पर चिंता व्यक्त करते हुए राजन ने कहा कि इस संवेदनशील मुद्दे पर अध्ययन किए जाने की जरूरत है कि क्या किसान ऋण न चुका पाने के कारण ही आत्महत्या करते हैं। राजन ने कहा, “इस बात की पड़ताल किए जाने की जरूरत है कि किसान ऋण चुकता न करने के कारण ही आत्महत्या करते हैं या इसके पीछे कोई और कारण है।” संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पिछली सरकार ने 2008 की शुरुआत में कृषि ऋण माफ करने घोषणा की थी, जिसके तहत 369 लाख छोटे और मध्यम श्रेणी के किसानों का और 60 लाख बड़े किसानों का 52,516 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया था। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने हालांकि बाद में पाया कि कई ऐसे किसानों को केंद्र सरकार की इस ऋण माफी योजना का लाभ मिला, जबकि कई ऐसे किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल सका जो इसके हकदार थे।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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