Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

उप्र : 16 जिलों से विदा होंगी पुरानी ईवीएम

Published

on

Loading

हमीरपुर| उत्तर प्रदेश के निर्वाचन कार्यालयों में रखीं 1989-90 मॉडल की ईवीएम मशीनें कंपनी को सौंपने का फैसला प्रशासन ने लिया है। बुंदेलखंड के महोबा, हमीरपुर और झांसी सहित प्रदेश के 16 जनपदों के जिला निर्वाचन कार्यालयों के गोदामों में वर्ष 1989-90 मॉडल की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) सौंपने की कवायद शुरू कर दी गई है। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश ने बीईएल कंपनी की हजारों ईवीएम मशीनें कंपनी को तत्काल सौंपने की हरी झंडी दी है। हमीरपुर की जिलाधिकारी संध्या तिवारी ने ईवीएम प्रभारी एवं लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता टी. एम. फारुखी को चिट्ठी लिखकर बीईएल कंपनी (उत्तराखंड) की ईवीएम नंबरों की जांच करने के निर्देश दिए हैं।

जानकारी के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने पुराने मॉडल की सभी ईवीएम कंपनी को सौंपने के लिए निर्देश जारी किए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अतीक अहमद सिद्दिकी ने झांसी, जालौन, हमीरपुर, महोबा, आगरा, मैनपुरी, बदायूं, कुशीनगर, देवरिया, हरदोई, गोंडा, अलीगढ़, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, सीतापुर व लखनऊ के आला अधिकारियों को पत्र लिखकर 1989-90 मॉडल की ईवीएम बीईएल को सौंपने का आदेश दिया है।

आयोग के सूत्रों के मुताबिक, आगरा में एक ईवीएम (सीयू) कंपनी को वापस भेजी जाएगी, जबकि मैनपुरी में बीयू-2, सीयू-5, महोबा में बीयू-42, सीयू- 51, बदायूं में बीयू-59, कुशीनगर में बीयू-9, सीयू-16, देवरिया में बीयू-1, सीयू-25, जालौन में बीयू-111, सीयू-60, हरदोई में बीयू-27, सीयू-34 और गोंडा में बीयू-1 और सीयू-11 बीईएल कंपनी को वापस सौंपी जाएगी। इसके अलावा हमीरपुर जिले के निर्वाचन कार्यालय के गोदाम में रखीं बीयू-198 व सीयू-238 कंपनी को भेजी जाएंगी।

सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी के मुताबिक, इन जनपदों के अलावा अलीगढ़, हमीरपुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, झांसी, सीतापुर व लखनऊ में इस तरह की मॉडल की बड़ी तादाद में ईवीएम गोदाम में रखी है जो अपने करीबी जनपदों से कम तादाद में रखी ईवीएम को ट्रक के जरिए कंपनी के पास वापस भिजवाएंगे।

 

Ein auslöser dafür war der übergang vom konventionellen pflanzenbau zum ökologischen Lesen Sie den Artikel landbau

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

Published

on

Loading

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

Continue Reading

Trending