अन्तर्राष्ट्रीय
ईरान परमाणु वार्ता जारी, नहीं बनी कोई सहमति
तेहरान| ईरान के परमाणु कार्यक्रम के लिए वैश्विक शक्तियों और तेहरान के बीच वार्ताओं का दौर जारी है। लेकिन अभी इस संबंध में कोई सहमति नहीं बन पाई है। हालांकि प्रतिनिधियों का कहना है कि वे कई समस्याओं को सुलझाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। ईरान के शीर्ष वार्ताकार उपविदेश मंत्री अब्बास अराक्ची ने सोमवार को यह जानकारी दी। अराक्ची ने एक स्थानीय टेलीविजन कार्यक्रम के दौरान कहा कि इन वार्ताओं में दो मुद्दों का कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। इनमें परमाणु समझौते से जुड़ी गतिविधियां शामिल हैं, जो समझौते के तहत ईरान के लिए उचित है। दूसरा, ईरान के खिलाफ पाबंदियों को हटाया जाना शामिल है। इन समस्याओं से देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ भी बढ़ा है।
उपविदेश मंत्री ने कहा कि ईरान की सरकार की मांग है कि परमाणु समझौते के तहत देश पर लगी सभी पाबंदियों को हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह समय जी5+एक समूह के देशों के लिए सही फैसला लेकर सभी पाबंदियों को हटाने का है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम समझौते पर लगभग एक दशक से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के लिए मध्यस्थों द्वारा निर्धारित की गई अंतिम तिथि मंगलवार को समाप्त हो रही है।
ईरान के साथ परमाणु समझौते पर सहमति बनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्य देशों फ्रांस, ब्रिटेन, रूस, अमेरिका, चीन सहित जी5 + एक समूह देशों के सभी विदेश मंत्री रविवार से स्विट्जरलैंड के लुसाने में हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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