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अन्तर्राष्ट्रीय

ईरान के परमाणु समझौते पर इजरायली सुझाव खारिज

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वाशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर जून के अंत तक होने वाले समझौते में इजरायल के उस सुझाव को शामिल करने से मना कर दिया है, जिसके मुताबिक ईरान के साथ कोई परमाणु समझौता तभी किया जाए जब वह इजरायल के अस्तित्व को स्वीकार करे। ओबामा ने ‘नेशनल पब्लिक रेडियो’ के साथ एक साक्षात्कार में कहा, “इस तरह का विचार कि हम ईरान पर यह शर्त लादें कि वह समझौते में इजरायल के अस्तित्व को मान्यता दे, कुछ ऐसा ही कहना होगा कि हम तबतक समझौता नहीं करेंगे, जब तक कि ईरान की सरकार का पूरा स्वरूप न बदल जाए। और, मुझे लगता है कि यह एक गलत निर्णय होगा।”

गौरतलब है कि ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम पर व्यापक समझौते की रूपरेखा के लिए हाल ही में ईरान तथा पी5 प्लस1 समूह (अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस, चीन तथा जर्मनी) के बीच सहमति बनी है, जिसके तहत जून के आखिर तक समझौते को अंतिम रूप दिया जाना है। इजरायल समझौते की रूपरेखा से खुश नहीं है। उसका दावा है कि इससे ईरान के परमाणु हथियार बनाने पर रोक नहीं लगेगी और यह उसके अस्तित्व के लिए खतरा होगा। वहीं ओबामा ने इस संबंध में इजरायल तथा स्वयं अमेरिका में व्याप्त आशंका को दूर करने का प्रयास किया है। ओबामा के अनुसार, ईरान में जिस तरह की सरकार है, उसकी प्रकृति को देखते हुए वह नहीं चाहते कि उसके पास परमाणु हथियार हो। उन्होंने कहा, “ईरान में जिस तरह की सरकार है, उसे देखते हुए हम नहीं चाहते कि उसके पास परमाणु हथियार हो। यदि ईरान भी जर्मनी, स्वीडन या फ्रांस जैसा हो जाता है, तो निश्चित तौर पर उनके परमाणु बुनियादी ढांचे को लेकर हम अलग तरह की वार्ता करेंगे।”

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पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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