अन्तर्राष्ट्रीय
इराक में आईएस के खिलाफ अभियान तेज
बगदाद| इराक के अनबर प्रांत को इस्लामिक स्टेट (आईएस) के नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए सोमवार को बड़ा अभियान शुरू किया गया। आईएस ने पिछले साल इस क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया था।
इराकिया टीवी के मुताबिक, इराक जॉइंट ऑपरेशंस कमांड के प्रवक्ता ने टेलीविजन पर जारी बयान में कहा, “अनबर प्रांत को मुक्त कराने के लिए सुबह अभियान शुरू किया गया।”
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, प्रवक्ता ने बताया कि सुरक्षा बल और सहयोगी शिया मिलीशिया (हशद शाबी), सुन्नी कबायली तथा संघीय पुलिस बल पूर्व नियोजित योजना के तहत लक्ष्य की तरफ बढ़ रहे हैं।
इराकी सुरक्षा बल तथा मिलीशिया कई महीने से अनबर प्रांत के प्रमुख शहरों को आईएस के नियंत्रण से मुक्त करने लिए संघर्षरत हैं, क्योंकि आईएस ने प्रांत के अधिकांश हिस्सों पर कब्जा कर लिया है और वह बगदाद की तरफ बढ़ रहा हैं, लेकिन सुरक्षा बलों की जवाबी कार्रवाई के कारण उसे पीछे भी जाना पड़ा है।इराक में जून 2014 से सुरक्षा के हालात लगातार तब से बिगड़ रहे हैं, जब से आईएस तथा इराकी सुरक्षा बलों के बीच संघर्ष शुरू हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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