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अन्तर्राष्ट्रीय

भारत, ताजिकिस्तान मिलकर आतंकवाद से निपटेंगे : मोदी

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दुशाम्बे (ताजिकिस्तान)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि भारत र ताजिकिस्तान आतंकवाद का मिलकर मुकाबला करेंगे और यह दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। मोदी ने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति एमोमली रहमान के साथ वार्ता के बाद मीडिया को जारी एक बयान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थाई सदस्यता का समर्थन करने के लिए ताजिकिस्तान की प्रशंसा की।

उन्होंने कहा, “आतंकवाद के बढ़ते खतरे के बीच हमें अपना सहयोग बढ़ाना होगा। आतंकवाद और चरमपंथ का मुकाबला करना हमेशा ही सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने ट्वीट कर कहा, “हम आतंकवाद के साए में जी रहे हैं। आतंकवाद का मुकाबला करना हमेशा ही हमारे बीच सहयोग का महत्वपूर्ण क्षेत्र है।”

उन्होंने मोदी के हवाले से कहा, “मैं यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता की उम्मीदवारी में समर्थन के लिए ताजिकिस्तान की प्रशंसा करता हूं।”

दोनों पक्षों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति बनी है।

मोदी ने कहा कि दोनों ही पक्ष अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को बढ़ावा देने के लिए तैयार हैं।

मोदी ने कहा कि ताजिकिस्तान पांच मध्य एशियाई देशों की यात्रा का आखिरी पड़ाव है।

उन्होंने राष्ट्रपति रहमान को भारत आने का भी निमंत्रण दिया।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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