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अन्तर्राष्ट्रीय

इबोला का प्रायोगिक टीका सुरक्षित और प्रभावी

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इबोला, रोग प्रतिरोधक क्षमता, द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन, एनआईएआईडी, कनाडा, अमेरिकी प्रांत, चीन, 

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न्यूयॉर्क| बेहद प्राणघातक इबोला वायरस से पनपने वाली बीमारी से निपटने के लिए जिस टीके पर प्रयोग किए जा रहे हैं, उसे मानव शरीर पर किए गए शुरुआती परीक्षण में सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। जिन 40 वयस्क व्यक्तियों पर इस टीके का इस्तेमाल किया गया उन सभी में इसके प्रयोग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त हुए। चिकित्सा के क्षेत्र की साप्ताहिक शोध-पत्रिका ‘द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन’ के ताजा अंक में प्रकाशित एक अध्ययन में ‘वीएसवी-जेडईबीओवी’ नाम के इबोला टीके के शुरुआती परीक्षण के परिणाम दर्शाए गए हैं। शोध के मुख्य परीक्षणकर्ताओं में से एक अमेरिका के राष्ट्रीय एलर्जी एवं संक्रामक रोग संस्थान (एनआईएआईडी) के रिचर्ड डेवी के अनुसार, “पहला इंजेक्शन लगने के बाद खुराक लेने वाले व्यक्ति में उच्च स्तर के रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास और पूरी तरह सुरक्षित पाया गया वीएसवी-जेबोव टीका इबोला महामारी से बचाव में बेहद उपयोगी हो सकती है।”

टीका लेने वालों में इसका कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं देखने को मिला, हालांकि इंजेक्शन की जगह पर हल्का दर्द और बहुत थोड़े देर के लिए बुखार होने जैसे बहुत ही सामान्य दुष्प्रभाव दिखे, जो 12 से 36 घंटों के अंदर ठीक भी हो गए। यह टीका कनाडा की ‘पब्ल्कि हेल्थ एजेंसी’ ने विकसित किया है। अमेरिकी प्रांत आयोवा के एम्स शहर की न्यूलिंक जेनेटिक्स कार्पोरेशन के पास इस टीके का लाइसेंस है। न्यूलिंक जेनेटिक्स कार्पोरेशन अमेरिका के ही न्यूजर्सी की मर्क एंड कंपनी की सहायक कंपनी है।
शुरुआती तौर पर 52 प्रतिभागियों पर किए गए परीक्षण के निष्कर्ष को इस रिपोर्ट में सार रूप में प्रकाशित किया गया है। इनमें से 26 प्रतिभागियों पर मैरीलैंड के बेथेस्डा स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ क्लिनिकल सेंटर में तथा शेष 26 प्रतिभागियों पर मैरीलैंड के ही सिल्वर स्प्रिंग स्थित डब्ल्यूआरएआईआर क्लिनिक में परीक्षण किया गया। दोनों ही समूहों से छह-छह प्रतिभागियों को औषधि रहित इंजेक्शन और शेष 40 प्रतिभागियों को प्रयोगात्मक टीका दिया गया था। इससे पहले शोध पत्रिका ‘द लांसेट’ में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया था कि चीन के बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और टाइनजिन कैनसिने बायोटेक्नोलॉजी द्वारा विकसित इबोला के प्रयोगात्मक टीके से भी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी थी।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान ने IMF के आगे फिर फैलाए हाथ, की नए लोन की डिमांड

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने आईएमएफ के सामने एक बार फिर भीख का कटोरा आगे कर दिया है। पाकिस्तान के पीएम शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ की प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात कर उनसे नए ऋण कार्यक्रम पर चर्चा की है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा कि पीएम शहबाज की मुलाकात रियाद में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के मौके पर हुई।

रियाद में विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की एक बैठक से इतर शरीफ ने तीन अरब अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त व्यवस्था (एसबीए) हासिल करने में पाकिस्तान को समर्थन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक जॉर्जीवा का शुक्रिया अदा किया। पाकिस्तान ने पिछले साल जून में तीन अरब अमेरिकी डॉलर का आईएमएफ कार्यक्रम हासिल किया था। पाकिस्तान मौजूदा एसबीए के इस महीने समाप्त होने के बाद एक नई दीर्घकालिक विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) की मांग कर रहा है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के नुसार, “दोनों पक्षों ने पाकिस्तान के लिए एक अन्य आईएमएफ कार्यक्रम पर भी चर्चा की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पिछले वर्ष से हासिल लाभ समेकित हो और आर्थिक वृद्धि सकारात्मक बनी रही।’’ शरीफ ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब ने कहा कि इस्लामाबाद जुलाई की शुरुआत तक नए कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हासिल कर सकता है। यदि पाकिस्तान को यह मदद मिल गई तो उसको आईएमएफ की ओर से यह 24वीं सहायता होगी।

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