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आवासीय सोसायटी को स्मार्ट बनाने वाला एप

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मुंबई,सॉफ्टवेयर, प्लंबिंग, बिजली व्यवस्था,इंजीनियर संगीता बनर्जी

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मुंबई | एक सॉफ्टवेयर और एक एप्लीकेशन ने अब आवासीय सोसायटी तथा उसके निवासियों के लिए सुरक्षा, प्लंबिंग, बिजली व्यवस्था, आगंतुकों का ब्यौरा रखना, वैधानिक कागजी कार्य तथा ऑनलाइन माध्यम से मतदान करने जैसे बुनियादी कार्य करना आसान बना दिया है।

अपार्टमेंट अड्डा के कारण कुल मिलाकर एक आधुनिक आवासीय सोसायटी का प्रबंधन आसान हो गया है। इंजीनियर संगीता बनर्जी और उनके इंजीनियर पति वेंकट कुंडास्वामी ने इस एप के नाम से ही अपनी कंपनी की स्थापना 2009 में की थी। यह अभी देश भर के करीब 7,500 आवासीय सोसायटी को सेवा दे रही है। संगीता बनर्जी ने कहा, “अपार्टमेंटअड्डा में सोसायटी के सभी निवासियों की एक ऑनलाइन सूची होती है, जिसमें किसी सूचना को गोपनीय रखने की मांग करने पर उसे छुपाया जा सकता है। इसमें आसपास के वेंडरों की सूची होती है और उनकी सेवाओं की गुणवत्ता के आधार पर उनकी रेटिंग भी होती है।”

उन्होंने कहा, “किसी विवादास्पद मुद्दे पर इस एप के जरिए सोसायटी में गोपनीय मतदान भी कराए जा सकते हैं।” एप में आम निवासियों के लिए कई और सुविधाएं भी हैं। वे बाद की तिथि में भेजे जाने वाले संदेश भी इस एप में डाल सकते हैं। 60 कर्मचारियों वाली यह कंपनी सोसायटी से ग्राहक शुल्क के जरिए कमाई करती है। कंपनी अभी गुड़गांव, पुणे, बेंगलुरू, मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों की सोसायटी को सेवा दे रही है।

बनर्जी ने कहा, “एप नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है और यह ऑफलाइन भी चलता है।” कंपनी के विकास के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, “गत कारोबारी साल में कंपनी का कारोबार बढ़कर तीनगुना हो गया है। कारोबारी साल 2015-16 में इसमें पांच गुने की वृद्धि होने का अनुमान है।” उन्होंने कहा, “अपने विस्तार के लिए अब हम ए श्रेणी की फंडिंग जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।”

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केंद्र सरकार का बड़ा एक्शन, 70 लाख मोबाइल नंबर हुए सस्पेंड; जानें क्या है कारण 

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70 lakh mobile numbers suspended in INDIA

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने एक बड़ा एक्शन लेते हुए 70 लाख मोबाइल नंबर को सस्पेंड कर दिया है। यानी इन मोबाइल नंबर का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। अब आपके जेहन में ही यही सवाल आ रहा होगा कि आखिर सरकार की ओर से यह कदम क्यों उठाया गया है। दरअसल, यह कदम बढ़ते डिजिटल फ्रॉड को देखते हुए उठाया गया है।

इस वजह से हुए मोबाइल नंबर सस्पेंड

सस्पेंड किए गए ये वे मोबाइल नंबर थे जो किसी तरह के संदिग्ध लेन-देन से जुड़े थे। दरअसल, इस मामले को लेकर वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने मंगलवार को जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के समय में डिजिटल पेमेंट को लेकर हो रही धोखाधड़ी को देखते हुए ऐसा किया गया है। बता दें, वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने यह जानकारी डिजिटल पेमेंट को लेकर धोखाधड़ी और इससे जुड़े मुद्दों पर बैठक के बाद दी है।

जनवरी में होगी अगली बैठक

जोशी ने कहा है कि डिजिटल फ्रॉड के बढ़ते मामलों को देखते हुए बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं। बैंकों को उनकी प्रक्रियाओं और प्रणालियों को पहले से मजबूत बनाने को कहा गया है। उन्होंने बैठक को लेकर जानकारी देते हुए कहा है कि इस मुद्दे पर आगे भी बैठकें होती रहेंगी। इसी के साथ मामले पर अगली बैठक अगले साल जनवरी में रखी गई है।

वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (AEPS) धोखाधड़ी को लेकर कहा है कि राज्यों को इस मुद्दे पर ध्यान देने की जरूरत है। इसी के साथ राज्य सरकारों को डेटा सुरक्षा को भी मजबूत बनाने पर गौर देना चाहिए।

फ्रॉड के मामले कैसे होंगे कम

विवेक जोशी ने कहा है कि डिजिटल धोखाधड़ी को लेकर जागरुकता बेहद जरूरी है। इस तरह की धोखाधड़ी पर लगाम लगाने के लिए जरूरी है कि समाज को इन मामलों से अवगत करवाया जाए और जागरुक किया जाए। मालूम हो कि हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी साइबर धोखाधड़ी को लेकर समाज को जागरुक करने की बात पर जोर दिया था।

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