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आधार कार्ड न होने पर भी मिलेगा मिड-डे मील : केंद्र सरकार

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नई दिल्ली| मिड-डे मील की सुविधा प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य करने के कुछ दिनों बाद सरकार ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि आधार कार्ड न होने पर किसी को भी योजना की सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा। कैबिनेट सचिवालय के एक बयान के मुताबिक, आधार कार्ड न होने पर किसी को भी सुविधा से वंचित नहीं किया जाएगा।

बयान के मुताबिक, “सरकार इस बात को दोहराती है कि जब तक हरेक व्यक्ति का आधार कार्ड नहीं बन जाता, पहचान के अन्य विकल्पों के आधार पर लाभ मिलना जारी रहेगा। आधार (पंजीकरण एवं अपडेट) अधिनियम 2016 के अधिनियम 12 के तहत लाभार्थियों को आधार पंजीकरण की सुविधा मुहैया कराने के विभाग को निर्देश दिए गए हैं।”

बयान में कहा गया है, “मिड-डे मील योजना के संबंध में तथा एकीकृत बाल विकास योजना के तहत स्कूलों तथा आंगनवाड़ियों को लाभार्थी बच्चों के आधार कार्ड नंबर को एकत्रित करने को कहा गया है और अगर बच्चे के पास आधार नंबर नहीं है, तो स्कूल या आईसीडीएस के अधिकारी को ऐसे बच्चों को पंजीकरण सुविधा मुहैया करानी होगी और जबतक आधार कार्ड नहीं बन जाता, उन्हें सुविधाएं मिलनी जारी रहेंगी।”

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 28 फरवरी को एक शासकीय अधिसूचना में मिड-डे मिल योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया था। अधिसूचना में कहा गया, “स्कूलों में योजना का लाभ उठाने वाले बच्चों को आधार नंबर मुहैया कराना होगा या फिर आधार का पंजीकरण कराना होगा।”

अधिसूचना के मुताबिक, “स्कूलों में प्रदान की जाने वाली योजना का लाभ उठाने के इच्छित बच्चे, जिनके पास आधार नंबर नहीं है या उन्होंने आधार के पंजीयन के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें 30 जून, 2017 तक आधार पंजीकरण के लिए आवेदन करना होगा।”

मिड-डे मील का लाभ उठाने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य करने के फैसले का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस तथा मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) सहित विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया था। मिड-डे मील केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित योजना है, जिसका उद्देश्य देशभर में स्कूल जाने वाले बच्चों के पोषण स्तर में सुधार लाना है। इस योजना के तहत सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक स्कूलों में दोपहर का भोजन दिया जाता है। सरकार के मुताबिक, 112 करोड़ से अधिक लोगों को आधार दिया जा चुका है।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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