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अरब देशों में पहुंच रही कलिंदर की मिठास

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रायपुर। छत्तीसगढ़ की नदियों विशेषकर जीवनदायिनी महानदी के तट पर तरबूज की तरह उपजने वाला फल कलिंदर खूब मीठा होता है। इसकी मिठास के अरब देशों के लोग भी दीवाने हैं। राजिम, धमतरी तथा नदी मोड़ महासमुंद में नदी के कछार पर पैदा होने वाले कलिंदरों का अरब देशों में भी निर्यात होता है।

मुंबई-कोलकाता के व्यापारी यहां से कलिंदर खरीदते हैं और उसे जहाजों के माध्यम से अरब देशों में बेचते हैं। व्यापारी किसानों को सालभर पहले से ही अग्रिम रकम देकर कलिंदर के फसलों का सौदा कर लेते हैं।

छत्तीसगढ़ में महानदी के तट पर बसे ग्रामों धमतरी, नवापारा-राजिम, आरंग, शिबरीनारायण सहित आसपास के क्षेत्रों में भारी मात्रा में कलिंदरों की फसल होती है। इनकी ज्यादातर आवक मार्च से जून तक होती है। छत्तीसगढ़ के कलिंदर अपनी मिठास को बिहार, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश सहित अन्य राज्यों में तो पहुंचा ही रहे हैं। इनकी मांग विदेशों में बनी हुई है, खासकर पानी के संकट वाले खाड़ी देशों- इराक, ब्रिटेन व दुबई में इसकी मांग ज्यादा है। यहां से तरबूज भी विदेशों में भेजे जाते हैं।

रायपुर के थोक व्यापारी भी प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से कलिंदर, तरबूजों की खरीदी कर इनकी सप्लाई अन्य राज्यों में करते हैं। वहीं ये फसलें मुंबई से होते ही खाड़ी देशों तक पहुंच जाती हैं।

थोक फल विक्रेता टी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि छत्तीसगढ़ के तरबूजों की मांग अधिक है। लेकिन इस वर्ष फसल खराब होने और मांग के मुकाबले आपूर्ति कम होने की वजह से इसकी कीमतें 30 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं।

धमतरी महानदी तट से उपजे कलिंदर की मिठास कोलकाता तक पहुंचकर इस जिले का नाम रोशन कर रही है। सिहावा क्षेत्र के सिरपुर में व्यापक रूप से कलिंदर उपजाने वाले कृषक संतोष साहू ने बताया कि पहले की अपेक्षा अब कलिंदर का व्यवसाय काफी बढ़ा है।

उन्होंने कहा, “पहले हम 5 से 10 रुपये में इसे बेचा करते थे, लेकिन अब महंगाई के हिसाब से इसका मूल्य भी बढ़ गया है। इस वर्ष की फसल के बारे पूछने पर उन्होंने बताया कि उपज कुछ कम जरूर हुई है, मगर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है।”

साहू ने बताया कि थोक व्यापारी उनका उपजाया कलिंदर ले जाकर कोलकाता, महाराष्ट्र, रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कांकेर, जगदलपुर सहित अन्य स्थानों पर बेचते हैं। उन्होंने बताया कि रासायनिक खाद के बगैर उपजे कलिंदर का वजन तीन किलो से लेकर 14 किलो तक रहता है। वजन के हिसाब से एक कलिंदर 40 से लेकर 120 रुपये में बिकता है।

कलिंदर के उत्पादन और व्यवसाय से लगभग 25 वर्षो से जुड़े संतोष साहू ने कहा, “यह काम हमारे बड़े-बुजुर्गो ने शुरू किया था। आज के समय में मेरे अलावा भाई दीपक साहू, पिंटू साहू, होमन साहू, प्रदुम्न साहू और हमारा पूरा परिवार मेहनत व लगन से इस काम में जुटा हुआ है।”

 

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सौंदर्य उत्पादों के बाजार में टीरा ब्यूटी ने मचाई हलचल, लॉन्च किया नया प्राइवेट लेबल ब्रांड ‘नेल्स अवर वे’

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नई दिल्ली। सौंदर्य उत्पादों के बाजार में टीरा ब्यूटी ने एक बार फिर हलचल मचा दी है। रिलायंस रिटेल से जुड़ी टीरा ब्यूटी ने अपने ब्यूटी प्रोडक्ट्स की रेंज को मजबूती देते हुए एक नया प्राइवेट लेबल ब्रांड ‘नेल्स अवर वे’ लॉन्च किया है। इस नई नेल पॉलिश प्रोडक्ट लाइन में, प्रीमियम नेल कलर और केयर उत्पादों की एक विस्तृत रेंज ग्राहकों को मिलेगी। कंप्लीट लुक की चाह रखने वाले ग्राहकों के लिए ‘नेल्स अवर वे’ के प्रोडक्ट्स, ऑफिस से लेकर शादी ब्याह तक के लिए परफेक्ट मैच है।

‘नेल अवर वे’ के बोल्ड और चमकदार रंगों वाले इस कलेक्शन में कई तरह की नेल पॉलिश शामिल हैं, जिनमें जेल वेल, स्विफ्ट ड्राई, ब्रीथ अवे और ट्रीट कोट नेल खास हैं। प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ दोनों में साथ देने वाली ‘नेल अवर वे’ कलेक्शन में खूबसूरती के साथ नाखूनों को पोषण और सुरक्षा देने वाले प्रोडक्ट्स का भी लंबा लाइन-अप है। नो बंप बेस, क्यूटी केयर और टफन अप सॉल्यूशन सहित कई बेहतरीन नेल केयर उत्पाद प्रोडक्ट लाइन का हिस्सा हैं।

रेंज में नेल पॉलिश और नेल केयर उत्पादों के साथ 2 टोन्ड वैनिशर और एसीटोन-फ्री स्क्वीकी क्लीन जैसे सौम्य लेकिन प्रभावी नेल इनेमल रिमूवर भी शामिल हैं। मैनीक्योर के शौकिन ग्राहकों के लिए फ्रेंच ‘एम अप और ‘नेल्ड इट’ जैसी किट्स भी उपलब्ध हैं। ‘नेल्स अवर वे’ कलेक्शन के प्रोडक्ट्स को Tirabeauty.com पर ऑनलाइन देखा जा सकता है।

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