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अब ऑनलाइन जमा करें आयकर रिटर्न

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लखनऊ। अब लोगों को आयकर जमा करने या रिटर्न दाखिल करने के लिए न तो चार्टर्ड एकाउंटेंट के पास चक्कर काटने होंगे और न ही दस्तावेजों में माथापच्ची करनी होगी। लोगों की मुश्किलों को आसान करने के लिए आयकर विभाग ने एक ऐसा सिस्टम तैयार किया है जिसमें आय व्यय का ब्योरा डालते ही टैक्स की जानकारी उपलब्ध होगी और रिटर्न दाखिल हो जाएगा।

आयकर विभाग ने वेबसाइट को अपग्रेड करना शुरू कर दिया है। जुलाई तक आयकरदाता अपने घर बैठे ही कंप्यूटर पर ऑनलाइन आयकर जमा कर सकेंगे। आयकर अधिकारी बताते हैं कि आयकर दाताओं को अधिक से अधिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयकर सुविधा केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। घर बैठे सुविधा उपलब्ध कराने के लिए स्वत: आयकर गणना व रिटर्न दाखिल करने की सुविधा भी शीघ्र उपलब्ध हो जाएगी।

यूं तो बड़े आयकरदाता अपने काम के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) रखते हैं, ताकि उनकी परेशानी कम हो। लेकिन कई बार ऐसी शिकायतें देखने को मिली हैं कि लेखाकर कर्मचारियों के आयकर की गलत गणना कर उल्टा सीधा टैक्स काट लेते हैं और जब कर्मचारी रिटर्न फार्म भरवाने सीए के पास जाता है, तब पता चलता है उसका अधिक टैक्स जमा हो गया है। उसके बाद रिफंड के लिए आयकर विभाग में चक्कर लगाने पड़ते हैं। गौरतलब है कि आयकर विभाग ने सालाना पांच लाख रुपये से अधिक आय वालों के लिए इंटरनेट के माध्यम से रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है। आयकर विभाग ने इस सिस्टम को अपग्रेड कर रहा है। आयकर दाता इसी सिस्टम में जाकर आय, व्यय का ब्यौरा फीड करेगा और पलक झपकते टैक्स की राशि कंप्यूटर पर सामने होगी।

रिटर्न दाखिल करने के लिए आयकर विभाग की वेबसाइट पर जाकर पैन नंबर डालना पड़ेगा। आयकरदाता के नाम व पता डालने से रिटर्न फार्म कंप्यूटर पर खुल जाएगा। फार्म में मांगी जाने वाली सूचना हिंदी व अंग्रेजी में होगी। आयकरदाता को आय-व्यय के साथ बचत राशि की जानकारी भरनी होगी। इसी के साथ रिटर्न दाखिल हो जाएगा। आर्थिक विश्लेषक के अनुसार, पांच लाख रुपये से अधिक आय वालों को डिजिटल हस्ताक्षर करने होंगे। पांच लाख रुपये से कम आय वालों को कंप्यूटर से रिटर्न का प्रिंट निकालकर आयकर विभाग में जमा करना होगा।

नेशनल

आकाश आनंद को पद से हटाने पर बोले अखिलेश- चाहे कुछ ले बसपा, एक भी सीट नहीं आने वाली

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने मंगलवार रात अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने ‘उत्तराधिकारी’ और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया। बीएसपी सुप्रीमो ने पिछले साल दिसंबर में आकाश आनंद को अपना ‘उत्तराधिकारी’ घोषित किया था। मायावती ने कहा कि पार्टी और आंदोलन के हित में और आनंद के ‘पूर्ण परिपक्वता’ हासिल करने तक उन्होंने यह निर्णय लिया है।

अब इसपर अखिलेश यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, ‘बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी क़दम उठाया है वो उनकी पार्टी का आंतरिक विषय है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा की एक भी सीट आती हुई नहीं दिख रही है क्योंकि बसपा के अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।

अखिलेश ने कहा कि इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है। इसीलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेर-बदल कर रहा है लेकिन अब बाज़ी बसपा के हाथ से निकल चुकी है। सच तो ये है कि जब बसपा का प्रभाव क्षेत्र होते हुए भी पिछले तीन चरणों में उनकी एक भी सीट नहीं आ रही है तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।

उधर बीएसपी चीफ मायावती ने आकाश आनंद की सभी रैलियां कैंसिल कर दी हैं। बता दें कि आकाश आनंद की लोकसभा चुनाव के पहले चरण में 21 सभाएं लगाई गई थी लेकिन वह केवल 16 सभा ही कर सके। 28 अप्रैल को आकाश आनंद की सीतापुर के बाद लखनऊ के मोहनलालगंज , हरदोई में जनसभा थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कई रैलियां प्रस्तावित थी जिसमे सुल्तानपुर, श्रावस्ती,कुशीनगर , रॉबर्ट्सगंज,गोंडा शामिल थे। सीतापुर की जनसभा के बाद आकाश आनंद के कार्यक्रम रद्द कर दिया गया है।

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