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आध्यात्म

राधा जी भगवान् श्रीकृष्ण की भी आराध्या हैं

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kripalu ji maharaj

केवल ऋग्‍वेद में ही राधा शब्‍द का प्रयोग सातों विभक्तियों में हुआ है। यथा-

राधः         (ऋग्‍वेद 1-9-5)

राधांसि       (ऋग्‍वेद 1-22-8)

राधसा       (ऋग्‍वेद 1-48-14)

राधसे        (ऋग्‍वेद 1-17-7)

राधसः       (ऋग्‍वेद 1-15-5)

राधसाम्            (ऋग्‍वेद 8-90-2)

राधसि       (ऋग्‍वेद  4-32-21)

सभी ऋग्‍वेदीय मंत्र हैं।

सारांश यह कि सर्वदेवदेवेश्‍वर तो श्रीकृष्‍ण ही हैं। यथा-

तमीश्र्वराणां परमं महेश्र्वरं तं देवतानां परमं च दैवतम् ।

(श्‍ वेता. 6-7)

किन्‍तु राधा जी, उन परब्रह्म परात्‍पर स्‍वयं भगवान् श्रीकृष्‍ण की भी आराध्‍या हैं। अतः ब्रह्माण्‍ड पुराण में स्‍वयं भगवान् श्रीकृष्‍ण ने कहा- ‘राधैवाराध्‍यते मया, ।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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