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मुख्य समाचार

…अंजामें गुलिस्‍तां क्‍या होगा

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अभी बहुत दिन नहीं बीते हैं बिहार में विधानसभा चुनाव होकर खत्‍म होने को। इस चुनाव पर देशी विदेशी मीडिया सहित पूरे देश के राजनैतिक दलों, बुद्धिजीवियों व आमजन की नजर लगी थी। याद आता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तूफानी चुनावी दौरे के दौरान कही गई एक बात का जो उन्‍होंने लालू प्रसाद के बच्‍चों को लेकर कही थी। मोदी ने लालू द्वारा अपने बच्‍चों को राजनीति में सेटल करने की बात कही थी जिस पर खूब बवाल मचा था। विपक्षी दलों के साथ-साथ भाजपा के ‘जयचंदों’ ने भी मोदी के बयान की आलोचना की थी।

चुनाव परिणाम जब भाजपा की उम्‍मीदों के विपरीत आए तो तमाम राजनेता मोदी पर और हमलावर हो गए। भाजपा सांसद भोला सिंह ने तो यहां तक कह डाला कि मोदी ने जो लालू के बच्‍चों पर निशाना साधा वह भी हार की एक बड़ी वजह बनीं। अभी आज ही मीडिया में इस बात की जानकारी दी गई कि लालू अपने दोनों बेटों को बिहार की राजनति में सैटल करने के बाद अपनी पत्‍नी और बेटी मीसा भारती को राज्‍यसभा भेजना चाहते हैं और वो इसमें सफल भी होंगे क्‍योंकि उनके पास पर्याप्‍त संख्‍या बल है। मीडिया रिपोर्टों में यह भी बताया जा रहा है बल्कि साफतौर पर लिखा जा रहा है कि लालू ऐसा दिल्‍ली की लुटियन जोन में दो बंगला पाने के लिए कर रहे हैं।

अब कहां गए वो लोग जो मोदी की एक सामान्‍य सी बात को तिल का ताड़ बनाकर उन्‍हें बदनाम करने में लगे रहते हैं? कहां गए वो लोग जो लालू को बिहार का मसीहा मानकर उन्‍हें इतनी बड़ी संख्‍या में सीटें जिताए? क्‍या यह पूरी तरह से वंशवाद की राजनीति नहीं है? क्‍या यह राज्‍यसभा के औचित्‍य पर सवाल नहीं है? क्‍या राज्‍यसभा की परिकल्‍पना अपने परिजनों को राजनीति में एडजस्‍ट करने की लिए की गई थी? क्‍या राज्‍यसभा को योग्‍य से योग्‍यतम राजनेताओं का सदन नहीं माना गया था? क्‍या राज्‍यसभा को उच्‍च सदन का दर्जा ऐसे ही हासिल हो गया था?

सवाल कई हैं जवाब एक भी नहीं। क्‍योंकि राजनीति का स्‍तर आज भारत में इतना गिर चुका है कि उसमें आदर्शवाद का कोई स्‍थान ही नहीं रह गया। जो आदर्शवाद की बात करे या करने की कोशिश करे उसे देश की जनता ही नकार देती है। इसपर एक उदाहरण याद आता है कि उप्र में 1991 में कल्‍याण सिंह सरकार में जब राजनाथ सिंह शिक्षा मंत्री थे तो उन्‍होंने नकल को संज्ञेय अपराध घोषित किया था नकल करने वालों को पकड़े जाने पर जेल जाना पड़ता था, उस साल उप्र बोर्ड का परीक्षाफल काफी खराब गया था। इसके बाद होने वाले चुनाव में मुलायम सिंह ने अपने घोषणापत्र में इस कानून को सरकार बनने के दस मिनट बाद हटाने की बात कही थी। चुनाव हुए और राजनाथ सिंह लखनऊ से विधानसभा की अपनी सीट तक नहीं बचा पाए, मुलायम सिंह की सरकार बनी और उन्‍होंने वादे के मुताबिक इस कानून को निरस्‍त कर दिया। नतीजा यह है कि आज भी प्राइवेट सेक्‍टर में उप्र बोर्ड की डिग्री को कूड़ा समझकर फेंक दिया जाता है।

शौक बहराइची साहब का एक शेर याद आ रहा है, बर्बादे गुलिस्‍तां करने को बस एक ही उल्‍लू काफी है, हर शाख पे उल्‍लू बैठा है अंजामें गुलिस्‍तां क्‍या होगा?

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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