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प्रादेशिक

अब राष्ट्रपति नहीं बन पाएंगे आडवाणी : लालू

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पटना | राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद ने यहां बुधवार को बाबरी विध्वंस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आए फैसले का स्वागत किया और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी पर तंज कसते हुए कहा कि सुनने में आ रहा था कि उनको (आडवाणी) राष्ट्रपति बनाया जाना था, यह फैसला आने के बाद तो नहीं बन पाएंगे।

लालू ने देश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके मागदर्शक संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) को ‘खतरनाक’ बताया। लालू ने पटना में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, “भाजपा, विहिप और आरएसएस खतरनाक हैं। ये लोग सोची-समझी राजनीति कर रहे हैं।”

उन्होंने भाजपा पर अपने-पराये का भी ख्याल न रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि आडवाणी को राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में मुकदमा फिर से चलाए जाने की दलील दी थी। राजद अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “सीबीआई मोदी के हाथ में है, इसलिए इस तरह के कारनामों के लिए वह क्या कह सकते हैं।”

लालू ने सर्वोच्च न्यायलय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह अच्छा फैसला है। इस मामले में जिनका भी नाम आया है, उन पर मुकदमा होना चाहिए। सर्वोच्च न्यायालय ने भी सीबीआई को निर्देश दिया है कि दो वर्षो के अंदर इस मामले का निपटारा किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने अंदाज में कहा, “लालकृष्ण आडवाणी का रथ मैंने ही रोका था और उन्हें समस्तीपुर में गिरफ्तार करवाया था। मैं तो शुरू से ही सांप्रदायिकता के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा हूं।”

लालू ने हालांकि आरोपी केंद्रीय मंत्री उमा भारती के इस्तीफे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि वरिष्ठ भाजपा नेताओं- लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और केंद्रीय मंत्री उमा भारती समेत अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाया जाएगा।

इन भाजपा नेताओं पर बाबरी मस्जिद ढहाने की साजिश रचने का आरोप है। आरोप है कि इन्हीं के उकसाने पर कारसेवकों ने 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहा दी थी।

उत्तर प्रदेश

हरदोई में 16 बार चुनाव लड़ा, हर बार मिली हार, फिर से मैदान में उतरे शिवकुमार

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हरदोई। देश भर में चुनाव का माहौल गरमाया हुआ है और ऐसे में हरदोई में भी चुनाव की गरमा गरमी अब खूब देखने को मिल रही है। यहां पर एक ऐसे प्रत्याशी भी है जो 17 वी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं। अब तक कुल 16 बार चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन उन्हें आजतक किसी भी चुनाव में जीत नहीं मिली है। इनका नाम है शिवकुमार और यह शहर कोतवाली क्षेत्र के मन्नापुरवा के रहने वाले है।

इनका कहना है कि वह हारने के बाद भी वह चुनाव लड़ते रहेंगे क्योंकि जनता उनका सम्मान बरकरार रखती है। उन्होंने कहा कि इस बार अगर वह जीतते हैं तो लोकसभा क्षेत्र के लोगों की हर समस्या के समय उनके साथ खड़े रहेंगे और उनका सहयोग करेंगे। शिवकुमार ने प्रत्येक बार निर्दलीय होकर चुनाव लड़ा है।

शिवकुमार ने 3 प्रधानी के चुनाव 3 जिला पंचायत के साथ 7 चुनाव विधानसभा और अब तक 3 चुनाव दिल्ली वाले यानी लोकसभा ले लड़े है और अब वह चौथी बार 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। उनका कहना है कि उनके मुद्दे क्या है अगर वह बता देंगे तो लोग नकल कर लेंगे।

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