मनोरंजन
है तमन्ना, हिटलर सा किरदार निभाऊं : गोविंद नामदेव
नई दिल्ली | हिंदी फिल्मों में खलनायकी को एक नया आयाम देने वाले अभिनेता गोविंद नामदेव हॉलीवुड फिल्म ‘सोलर इक्लिप्स’ में पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का किरदार निभा रहे हैं। यह फिल्म देश को अहिंसा के दम पर आजादी दिलाने वाले महात्मा गांधी की निर्मम हत्या और उससे उपजे हालात पर बनी है।
सन् 1948 के दौर में गांधी की हत्या के बाद मोरारजी की अहम भूमिका को बयां करती यह फिल्म कई गुत्थियों को सुलझाएगी। फिल्म में मोरारजी बने गोविंद नामदेव की इच्छा हिटलर और सद्दाम हुसैन जैसे रहस्यमय किरदारों को पर्दे पर उतारने की है। वह इसकी वजह भी बखूबी बयां करते हैं।
गोविंद की यह पहली हॉलीवुड फिल्म है। उन्होंने आईएएनएस के साथ साक्षात्कार में कहा, “हमें कड़े संघर्षो के बाद आजादी तो मिली, लेकिन देश को बंटकर इसकी कीमत चुकानी पड़ी और बंटवारे के समय शुरू हुई सांप्रदायिक हिंसा अहिंसा के पुजारी महात्मा गांधी की हत्या का कारण बना। यह फिल्म 1948 के उसी हालात को बयां करती है, जब समूचे देश में अराजकता का माहौल था और हिंदू-मुसलमान एक-दूसरे के खून के प्यासे बन गए थे।”
फिल्म में अपने किरदार के बारे में पूछने पर वह कहते हैं, “मैं मोरारजी देसाई का किरदार निभा रहा हूं जो उस समय बॉम्बे स्टेट के गृहमंत्री थे। गांधीजी की हत्या का षड्यंत्र बंबई में रचा गया। कानून व्यवस्था की बहुत बड़ी जिम्मेदारी मोरारजी देसाई के कंधों पर थी। इस फिल्म में मोरारजी के तीन पहलुओं को उजागर किया गया है, जिसमें पहला उनका भावनात्मक पक्ष है।
मोरारजी का गांधीजी के साथ बहुत ही भावनात्मक संबंध था। वह गांधीजी को अपना बड़ा भाई और मागदर्शक मानते थे। दूसरा यह कि उनका व्यक्तित्व बहुत ही प्रभावशाली और सत्तावादी था। वह हर काम को बड़ी ही दृढ़ता से पूरा करवा लेते थे। यह फिल्म देश के प्रति उनकी चिंता को भी बयां करती है, क्योंकि उस समय देश के जो हालात थे, वह उसे लेकर चिंतित थे।”
वह कहते हैं, “मैं इस फिल्म में दोहरी भूमिकाएं निभा रहा हूं। मोरारजी देसाई का किरदार निभाने के साथ-साथ एक हिंदूवादी संगठन के नेता का किरदार भी निभा रहा हूं, जिसका व्यक्तित्व भी बहुत प्रभाशाली है, लेकिन ये दोनों ही किरदार एक-दूसरे के विपरीत हैं। मैंने एक ही फिल्म में दो बिल्कुल विपरीत भूमिकाएं करने का फैसला भी इसलिए किया, क्योंकि यह मेरे लिए बहुत ही ऐतिहासिक क्षण है कि इतनी बड़ी फिल्म में दो तरह के किरदार निभाने का मौका मिला है।”
यह पूछने पर कि किसी ऐतिहासिक या बड़े घटनाक्रम पर आधारित फिल्म को सेंसर की कैंची से गुजरना पड़ता है, क्या इस फिल्म पर भी कैंची चल सकती है? इसके जवाब में वह कहते हैं, “नहीं, हमारी फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे किसी की भावनाएं आहत हों या कुछ विवादास्पद हो। इसलिए सेंसर से कोई दिक्कत नहीं होने वाली।”
‘सोलर इक्लिप्स’ मूल रूप से हॉलीवुड-बॉलीवुड की साझा फिल्म है। इसमें हॉलीवुड के 60 फीसदी और बॉलीवुड के 40 फीसदी कलाकार हैं। फिल्म की सबसे ज्यादा शूटिंग श्रीलंका में हुई है। यह फिल्म हिंदी और अंग्रेजी, दोनों भाषाओं में है। मगर डबिंग का इस्तेमाल नहीं किया गया है, जो भी आवाज है वह असली है। फिल्म पहले अंग्रेजी में, उसके बाद हिंदी में रिलीज होगी।
गोविंद नामदेव अपने फिल्मी करियर में तमाम तरह की भूमिकाएं कर चुके हैं, लेकिन यह पूछने पर कि भविष्य में वह किस तरह की भूमिका निभाना पसंद करेंगे, तो वह इसके जवाब में कहते हैं, “मेरी जर्मनी के तानाशाह हिटलर और इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन जैसे किरदारों को निभाने की तमन्ना है। हिटलर बहुत ही रहस्यमी थे। कविताएं भी लिखते थे, पेटिंग करते थे, रोमांटिक भी थे लेकिन कला से जुड़ा हुआ व्यक्ति लाखों लोगों को मरवा दे और चेहरे पर सिकन तक नहीं आए, ऐसा कैसे हो सकता है?”
उन्होंने कहा, “सोचिए, यह किरदार कितने उलझाव से भरा है। मेरी इच्छा इस तरह के लोगों के बारे में जानने की होती है और मैं चाहूंगा कि हिटलर का किरदार निभाऊं, यदि फिल्म में नहीं तो थिएटर में जरूर यह किरदार निभाऊंगा।”
प्रादेशिक
सलमान खान फायरिंग मामले में पांचवां आरोपी गिरफ्तार, शूटर्स को पैसे और घर के बाहर रेकी में की थी मदद
मुंबई। बॉलीवुड एक्टर सलमान खान के घर के बाहर फायरिंग मामले में पांचवा आरोपी मोहम्मद रफीक चौधरी पंजाब से गिरफ्तार हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, चौधरी ने दोनों शूटर सागर पाल और विक्की गुप्ता को पैसे और सलमान खान के घर की रेकी करने में मदद की थी। मोहम्मद चौधरी को आज आज यानी मंगलवार को मुंबई लाया जा रहा है, जहां उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और हिरासत की मांग की जाएगी।
इससे पहले सलमान के घर के बाहर फायरिंग मामले में एक आरोपी ने आत्महत्या कर ली थे। मरने वाले का नाम अनुज थापन है। अनुज थापन पर फायरिंग केस में हथियार मुहैया करवाने का आरोप था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी अनुज थापन ने कस्टडी में मिलने वाली चद्दर से ही अपनी जान लेने का प्लान बनाया। उसने बाथरूम में चद्दर से फंदा लगाकर अपनी जान ले ली। जैसे ही वहां मौजूद लोगों को इस बात की भनक पड़ी उसे तुरंत पास ही के अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया था। लेकिन GT अस्पताल में पहले उनकी हालत गंभीर बताई गई और फिर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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