मनोरंजन
हर काम में उत्साह बनाए रखना सफलता के लिए जरूरी : फरहान
मुंबई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी फिल्म अभिनेता फरहान अख्तर का कहना है कि लोगों का मनोरंजन कर पाने की खुशी और उनके साथ जुड़ने से उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिलता है। सिनेमा जगत में एक निर्देशक, निर्माता, अभिनेता और गायक की जिम्मेदारियां संभालने वाले फरहान से पूछा गया कि वह इन सब जिम्मेदारियों के साथ किस तरह न्याय कर पाते हैं।
उन्होंने बताया, “जब आप कोई काम हाथ में लेते हैं, तो हौसला काम के प्रति आपके विश्वास, लगन और उन लोगों से मिलता है, जो आपसे जुड़े होते हैं।” फरहान ने कहा कि मैं लोगों का मनोरंजन करने और उनसे जुड़ने को लेकर हमेशा उत्साहित रहता हूं। चाहे फिर वह फिल्म की कहानी लिखने के माध्यम से हो, निर्देशन, निर्माण, अभिनय या मंच पर प्रस्तुति देने के माध्यम से हो। फरहान को विशेष रूप से लोगों और अपने प्रशंसकों से बातचीत करना पसंद है। फरहान ने कहा कि मेरे लिए खुशी की बात तब होती है, जब मैं लोगों से बातचीत करता हूं।
फरहान (41) को हाल ही में पुरुषों के फैशन ब्रांड ‘कोड बाय लाइफस्टाइल’ का एंबेसडर चुना गया है। उन्होंने कहा, “ज्यादातर लोग, कभी कभी अपने तयशुदा क्षेत्र से निकलने का हौसला नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें नाकामयाबी का डर होता है। मेरा मानना है कि जब तक आप असफल नहीं होते, आप सबक नहीं लेते।”
प्रादेशिक
13 साल बाद एक्ट्रेस को मिला इंसाफ, कोर्ट ने हत्यारे बाप को सुनाई फांसी की सजा
मुंबई। एक्ट्रेस लैला खान और उसके पूरे परिवार के हत्यारे सौतेले पिता को मुंबई की सेशन कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इस महीने की शुरुआत में परवेज टाक को लैला, उनकी मां और चार भाई-बहन की हत्या और सबूतों को नष्ट करने का दोषी ठहराया था। यह मामला 13 वर्ष पुराना है। सौतेले पिता ने लैला, उसकी मां व चार भाई-बहनों की हत्या की थी, इसके बाद शवों को फार्म हाउस में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था।
बता दें कि बीते सप्ताह सरकारी वकील पंकज चव्हाण ने दोषी परवेज टाक के लिए मौत की सजा की मांग की थी। उनका कहना था कि इस हत्या को पूरी तरह से प्लान करके किया गया था, जिसमें एक ही परिवार के छह लोगों को बड़ी ही बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया और शवों को ठिकाने लगा दिया गया।
लैला खान हत्याकांड में मंगलवार को कोर्ट में सुनवाई हुई थी। इस दौरान आरोपी के वकील वहाब खान ने दलील पेश की, जिसमें उन्होंने कम से कम आजीवन कारावास की सजा की मांग की। वकील ने कहा कि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं है और शव उनके कहने पर बरामद किए गए थे। इतना ही नहीं बल्कि दोषी के वकील ने जेल में टाक के अच्छे व्यवहार की ओर इशारा करते हुए कहा कि उसमें सुधार हुआ है और इसलिए उन्होंने इसे भी सजा को कम करने का आधार बताया है। हालांकि कोर्ट ने उनकी एक न सुनी और परवेज टाक को फांसी की सजा सुना दी।
बता दें कि परवेज टाक, लैला का सौतेला पिता है। परवेज ने लैला की मां संग तीसरी शादी की थे। साल 2011 में फरवरी में लैला खान, उनकी मां और चार भाई-बहनों की महाराष्ट्र के नासिक जिले के इगतपुरी स्थित उनके बंगले में हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स की मानें तो कहा गया कि संपत्तियों पर बहस के बाद परवेज ने इस घटना को अंजाम दिया था।
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