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प्रादेशिक

‘सोशल नेटवर्किंग’ राजनीति बिहार का दुर्भाग्य : तारिक अनवर

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मनोज पाठक

पटना। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के महासचिव और सांसद तारिक अनवर ने कहा कि बिहार का दुर्भाग्य है कि यहां ‘सोशल नेटवर्किंग’ की राजनीति होती है। अगर बिहार में भी विकास मुद्दा रहे, तो बिहार आगे बढ़ेगा।

बिहार विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन में सीट बंटवारे में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से गठबंधन से अलग हो चुकी राकांपा के नेता अनवर ने विशेष बातचीत में कहा, “राकांपा बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे के विकल्प को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) से बात कर रही है। दो-तीन दिनों में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।” अन्य दलों को तीसरे मार्चे में रखने के बारे में अनवर ने कहा कि सभी सामान्य विचारधाराओं वाली पार्टियों को इस मोर्चे में सम्मान के साथ रखा जाएगा। अनवर ने साथ ही कहा कि राकांपा बिहार में सभी सीटों पर अकेले भी चुनाव लड़ने को तैयार है।

अनवर कहते हैं कि बिहार में आज तक किसी भी पार्टी ने न तो विकास को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ा है और न ही उनके पास बिहार के विकास को लेकर कोई कार्य योजना है। उन्होंने कहा, “सभी दल विकास की बात तो कर रहे हैं, परंतु सभी जातिवाद को ही सीढ़ी बनाकर मंजिल तक पहुंचना चाहते हैं या आगे बढ़ना चाहते हैं। जातिवाद से पार्टियां चुनाव भले ही जीत जाएं, परंतु इससे किसी भी क्षेत्र का विकास नहीं हो सकता। अब यह बात लोग भी जान गए हैं।”

उन्होंने कहा कि वोट बैंक के नाम पर बिहार के लोगों को जाति और धर्म के नाम पर बांट दिया गया है, जो सही नहीं है। राजनीति में ऐसे लोगों का विरोध होना चाहिए। अनवर के मुताबिक, धर्म के नाम पर कट्टरपन तो और भी गलत है। जनता दल (युनाइटेड), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) गठबंधन से नाता तोड़ देने के प्रश्न पर कटिहार के सांसद स्पष्ट कहते हैं कि सीट बंटवारे को लेकर लालू और नीतीश ने ‘मिनिमम कर्ट्सी’ का भी पालन नहीं किया। दोनों ने आपस में ही सीट का बंटवारा कर लिया।

अनवर के मुताबिक, “जनता परिवार गठबंधन की रूपरेखा तैयार करने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को भी इसकी सूचना नहीं दी गई थी। ऐसे में महागठबंधन में रहने का प्रश्न ही नहीं था।” लालू-नीतीश के गठबंधन पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए 25 वर्ष काफी होते हैं और इन दोनों ने बिहार में 25 वर्ष सरकार चलाई है। इन्हें इन 25 वषरें का हिसाब देना चाहिए।

बिहार में परिवर्तन की बात करते हुए अनवर ने कहा कि इस चुनाव में मतदाताओं के पास तीसरे विकल्प के रूप में राकांपा और सपा का गठबंधन होगा। बिहार के लोग परिवर्तन के मूड में हैं और उन्हें विकल्प की तलाश है। तीसरा मोर्चा इस विकल्प को पूरा करेगा। वामपंथी दलों द्वारा मोर्चा बनाए जाने के प्रश्न पर अनवर ने कहा कि लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने की छूट है, फैसला जनता का है कि वह किसे पसंद करे।

कांग्रेस के महागठबंधन में शामिल होने के विषय में अनवर कहते हैं, “कांग्रेस का जनाधार बिहार में लगातार घटा है। ऐसे में उसके लिए 40 सीटें काफी हैं।” उन्होंने बिहार के विकास के लिए कार्ययोजना बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि राकांपा बिहार के विकास के लिए जो संभव होगा करेगी।

उत्तराखंड

चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद

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हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।

चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।

50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध

उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।

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