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अन्तर्राष्ट्रीय

सीरियाई शरणार्थियों की उच्च स्तरीय सुरक्षा जांच : अमेरिका

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वाशिंगटन। अमेरिकी विदेश मंत्रालय का कहना है कि पेरिस में हुए हमलों के बाद सीरियाई शरणार्थियों को गहन सुरक्षा जांच प्रक्रिया के दायरे में लाया जाएगा। इन हमलों में 129 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मार्क टोनर ने सोमवार को बताया, “अमेरिका आने वाले इन शरणार्थियों को उच्चस्तरीय सुरक्षा जांच प्रक्रिया से गुजारा जाएगा, फिर चाहे ये किसी भी यात्री श्रेणी के क्यों न हों। हमे लगता है कि हम इसे सुरक्षित रूप से कर सकते हैं, जिससे अमेरिका के मूल्य परिलक्षित हों।”

पेरिस में शुक्रवार को हुए हमलों की वजह से अमेरिका के कई गवर्नरों ने सोमवार को सीरियाई शरणार्थियों के देश में प्रवेश को बंद करने की बात कही थी। उनका मानना है कि आतंकवादी शरणार्थियों के रूप में देश में घुस सकते हैं। फ्रांस पुलिस के मुताबिक, पेरिस हमलावरों में से एक के पास सीरिया का पासपोर्ट बरामद हुआ था, जिसके बाद यह अनुमान लगाया कि वह शरणार्थी के रूप में देश में घुसा है।

सीरिया संकट की वजह से लाखों की संख्या में सीरियाई लोग मध्य-पूर्वी के देशों और यूरोप में शरण ले रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने आगामी साल में 10,000 सीरियाई शरणार्थियों को देश में जगह देने की घोषणा की थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’

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नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।

रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”

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