अन्तर्राष्ट्रीय
मोदी की ब्रिटेन यात्रा : दिखावा भी, कूटनीति भी
इस्लामाबाद| पाकिस्तान के एक अखबार ने लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रिटेन यात्रा “जितना दिखावा थी, उतनी ही कूटनीतिक भी।” अखबार ने लिखा है कि भारत को भावी वैश्विक शक्ति माना जा रहा है, इसीलिए हर कोई भारत के साथ हिस्सेदारी चाहता है। द न्यूज इंटरनेशनल ने अपने संपादकीय ‘द मोदी शो’ में मंगलवार को लिखा कि “मोदी की युनाइटेड किंगडम की यात्रा विवादों में रही, क्योंकि यह भारत में भाजपा सरकार के तहत बढ़ रही असहिष्णुता की चर्चाओं के बीच हुई।”
संपादकीय में कहा गया है, “बतौर प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में लाल गलीचे बिछाए गए, महारानी के साथ भोज ने यात्रा को एक निर्णायक शक्ल दी, प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की सैरगाह में वह रुके और ब्रिटिश संसद को संबोधित किया।”
अखबार ने लिखा कि करीब 800 लोगों ने डाउनिंग स्ट्रीट पर मोदी का विरोध किया। मोदी की रक्षा करने वालों में सबसे आगे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री नजर आए।
संपादकीय में लिखा गया है, “इसकी वजह साफ है। यात्रा की समाप्ति पर कैमरन और मोदी ने दोनों देशों के बीच 13.7 अरब डालर के 20 व्यापारिक करारों का ऐलान किया।”
अखबार ने इस बात का जिक्र किया है कि वेंब्ले स्टेडियम में मोदी ने 60000 लोगों को संबोधित किया और लिखा कि मोदी का मकसद ‘ब्रांड इंडिया’ गढ़ना है।
संपादकीय में कहा गया है कि मोदी की यात्रा बिहार चुनाव में करारी हार और कलाकारों द्वारा पुरस्कार लौटाने के बीच हुई। मोदी अपने विदेशी दौरों का इस्तेमाल भारत में घरेलू स्तर पर मौजूद गंभीर मसलों पर ग्लैमर के छिड़काव के लिए कर रहे हैं।
अखबार ने लिखा है, “अमेरिका के बाद, यूके ने भी मोदी शो के हितैषी मेजबान की भूमिका निभाई।”
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान में अपने नागरिकों की मौत से भड़का चीन, घटना की गहन जांच की मांग की
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में अपने चार नागरिकों की हत्या के बाद चीन भड़का हुआ है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी हमले के तुरंत बाद चीन के दूतावास पहुंचे और राजदूत जियांग जैदोंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने भी हमले की कड़ी निंदा की, उन्होंने हमले को पाक चीन की दोस्ती को नुकसान पहुंचाने की साजिश बताया।
चीनी नागरिकों पर हुए हमले पर सिंघुआ विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय रणनीति संस्थान के अनुसंधान विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा है कि यह हमला पाकिस्तान के लिए एक चेतावनी की तरह है। ये बताता है कि पाकिस्तान को अभी सुरक्षा क्षेत्र में बहुत काम करने की जरूरत है। ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में उन्होंने इस हमले को उस हमले की कॉपी बताया जो 2021 में किया गया था, जिसमें 9 चीनी नागरिकों की मौत हो गई थी। इस लेख में ये भी कहा गया है कि इस तरह के हमले बताते हैं कि आतंकी ताकतें चीन और पाकिस्तन के आर्थिक गलियारे की सफलता नहीं देखना चाहती हैं और लगातार इसे विफल करने की साजिश रच रही हैं।
उधर अपने नागरिकों की मौत के बाद चीन ने घटना की गहन जांच की मांग भी कर डाली है। पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने एक बयान में कहा, “पाकिस्तान में चीनी दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने आपात कार्य शुरू कर दिया है और पाकिस्तानी पक्ष से हमले की गहन जांच करने, दोषियों को कठोर सजा देने तथा चीनी नागरिकों की सुरक्षा के लिए व्यावहारिक और प्रभावी उपाय करने की मांग की है।”
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