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आध्यात्म

शंकराचार्य की 108 फुट की प्रतिमा बनेगी ओंकारेश्वर की पहचान

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भोपाल, 21 जनवरी (आईएएनएस)| देश और दुनिया में नर्मदा नदी के तट पर स्थित ओंकारेश्वर की पहचान बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक के तौर पर रही है, लेकिन आने वाले समय में यह स्थान शंकराचार्य की ज्ञान स्थली के तौर पर भी पहचाना जाएगा, क्योंकि यहां आदि शंकराचार्य की 108 फुट की प्रतिमा स्थापित की जा रही है।

इसका शिलान्यास 22 जनवरी को होने वाला है। साथ ही यहां वेदांत संस्थान बनाने की योजना है।

कम लोग जानते हैं कि युवावस्था में शंकराचार्य यहां अपने गुरु गोविंद भगवद्पद से एक गुफा में मिले, दीक्षित हुए और आध्यात्मिक ऊंचाइयां हासिल की। उसी के बाद शंकराचार्य ने देश में चार मठ स्थापित किए तथा अद्वैत वेदांत को देशभर में फैलाया। यहां से मिले गुरुज्ञान ने शंकराचार्य को आदि शंकराचार्य बना दिया।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओंकारेश्वर में 108 फुट ऊंची धातु की आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित करने के साथ वेदांत संस्थान की स्थापना किए जाने का ऐलान ‘नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा’ के दौरान बीते वर्ष फरवरी में किया था। उसी के तहत दिसंबर से चार स्थानों से एकात्म यात्रा निकाली गई। इस यात्रा के दौरान जगह-जगह से धातु का संग्रहण किया गया। इसी धातु से प्रतिमा का निर्माण किया जाना है।

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री चौहान 22 जनवरी को आदि शंकराचार्य के लिए प्रतिमा का भूमिपूजन करने वाले हैं। ओंकारेश्वर में यह एक नई शुरुआत होने वाली है। इस कोशिश के चलते आने वाले समय में ओंकारेश्वर को शिव के साथ आदि शंकराचार्य के दीक्षित होने वाले स्थल के तौर पर पहचाना जाने लगेगा।

सरकार की योजना के मुताबिक, ओंकार महादेव मंदिर के प्राचीन वैभव और वास्तु-कला को देखकर नई रूपरेखा बनेगी। पूरे ओंकार पर्वत को सघन वन से आच्छादित किया जाएगा। आदि शंकराचार्य की गुफा के हिस्से में शंकराचार्य के जीवन और उनके जीवन मूल्यों पर आधारित चित्र उकेरे जाएंगे।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, आदि शंकराचार्य की गुफा के मूल स्तंभ जैसे हैं, वैसे ही रहेंगे और इन पत्थरों को जोड़कर सोने व लोहा से सोमनाथ मंदिर की तर्ज पर निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा यहां संतों के मार्ग दर्शन में वेदांत संस्थान की स्थापना की जानी है।

राज्य सरकार की मंशा है कि आदि शंकराचार्य के अद्वैत दर्शन से आमजन वाकिफ हो सकें, इसके लिए दृश्य और साहित्य का सहारा लिया जाएगा। ओंकारेश्वर वह स्थान है, जहां आदि शंकराचार्य ने नर्मदा के तट पर दीक्षा प्राप्त की थी। आमजन ओंकारेश्वर, नर्मदा और आदि शंकराचार्य के महत्व को जान सकें, इसके लिए लाइट एंड साउंड शो कार्यक्रम प्रारंभ किया जाना है।

सरकार की योजना है कि ओंकारेश्वर में एक संग्रहालय और इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना जाए और विष्णुपुरी, ब्रह्मपुरी और ममलेश्वर मंदिरों को जोड़ने वाला आकाश मार्ग स्थापित किया जाए।

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आध्यात्म

नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय

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नई दिल्ली। अगर आप पिछले काफी समय नौकरी कर रहे हैं और आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है। या फिर आपकी बॉस से नहीं बन रही है तो ये कुछ सरल उपाय करके आप सफलता पा सकते हैं।

. शनिवार की सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर में किसी पवित्र स्थान पर पूजन का विशेष प्रबंध करें या किसी मंदिर में जाएं। शनिवार शनि की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। शनि हमारे कर्मों का फल देने वाले देवता हैं। अत: इसी दिन शनि देव का विधिवत पूजन करनी चाहिए।

. तरक्की के लिए सूर्य देवता को मनाना काफी शुभ बताया जाता है। जो लोग आसानी से तरक्की करते हैं उनका सूर्य काफी मजबूत होता है। प्रतिदिन सुबह सूर्य को पानी अर्पित करें और सूर्य नमस्कार करें। सूर्य देवता को जल अर्पित करने वाला बर्तन तांबे का हो और उसमें थोड़ा गंगाजल डालें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य देवता से अपनी इच्छा रोज जाहिर किया करें।

. यदि नौकरी-पेशा करने वाले जातकों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है अथवा उनकी तनख्वाह में वृद्धि नहीं हो रही है तो उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करना चाहिए।

. प्रतिदिन पक्षियों को मिश्रित अनाज खिलाना चाहिए। सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं। इसमें गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें शामिल की जा सकती हैं। प्रतिदिन सुबह यह उपाय करें, जल्दी ही नौकरी से जुड़ी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।

. रात को सोते समय एक तांबे के बर्तन में पान भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें और सुबह उठते ही, बिना किसी को बोले, यह जल घर के बाहर फेंक दें।

. भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों की मन की मुराद पूरी होती है इसलिए नौकरी में प्रमोशन पाने के इच्छुक जातकों को भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए।

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