Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

व्यापक परमाणु समझौते हेतु ईरान-अमेरिका की वार्ता संपन्न

Published

on

व्यापक परमाणु समझौते, ईरान-अमेरिका की वार्ता संपन्न, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारीफ, उनके अमेरिकी समकक्ष जॉन केरी, यूरोपीय संघ में विदेश नीति मामलों की उप प्रमुख हेल्गा श्मिड, पी+1 समूह

Loading

जेनेवा| ईरान और अमेरिका के बीच 31 मार्च से पहले व्यापक परमाणु समझौते के लिए स्विट्जरलैंड में नए दौर की वार्ता संपन्न हुई। ‘प्रेस टीवी’ की रिपोर्ट के मुताबिक, लौसेन शहर में दो अलग-अलग बैठकें हुईं। पहली बैठक ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जारीफ, उनके अमेरिकी समकक्ष जॉन केरी, यूरोपीय संघ में विदेश नीति मामलों की उप प्रमुख हेल्गा श्मिड और दूसरी बैठक ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन (एईओआई) के प्रमुख अली अकबर सालेही और अमेरिका के ऊर्जा मंत्री अर्नेस्ट मोनिज के बीच हुई।

जारीफ के साथ उप विदेश मंत्री अब्बास अराक्ची और माजिद तख्त-ए-रावांची, ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी के विशेष सहयोगी हुसैन फेरेदौन थे, जबकि अमेरिका की तरफ से राजनीतिक मामलों की उप विदेश मंत्री वेंडी शेरमन, केरी के साथ थीं। सुबह अराक्ची और माजिद ने रूस के उप विदेश मंत्री सरगई रयाबकोव के साथ बैठक की थी। इस बीच, जारीफ ने कहा कि पी+1 समूह के अन्य सदस्यों जर्मनी, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन के विदेश मंत्रियों का इस वक्त वार्ता से जुड़ना अनावश्यक है।

जारिफ ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे नहीं लगता कि इस चरण में उनकी मौजूदगी आवश्यक है। जब समाधान मिल गए हों और हम समझौते के करीब पहुंच गए हैं, तब सभी विदेश मंत्रियों को आना चाहिए।” ईरान और पी+1 महीने के अंत तक हाई-प्रोफाइल राजनीतिक समझौता करना चाहते हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

Published

on

Loading

नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

Continue Reading

Trending