नेशनल
लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
नई दिल्ली| नोटबंदी पर चर्चा को लेकर हंगामे के बीच सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। सरकार और विपक्ष नोटबंदी पर नियम के तहत चर्चा को लेकर किसी समझौते पर सहमति बनाने में असफल रहे। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने भी बिना किसी नियम के चर्चा करने का सुझाव दिया।
लोकसभा अध्यक्ष ने बीजू जनता दल (बीजद) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के नोटिस पर नियम 193 के तहत चर्चा को मंजूरी दे दी, जिसमें किसी मुद्दे पर संक्षिप्त चर्चा का प्रवधान है।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम मोर्चा, राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों ने हालांकि नियम 184 के तहत चर्चा कराने की मांग की। इससे पहले विपक्ष नियम 56 के तहत चर्चा की मांग कर रहा था, जिसमें स्थगन प्रस्ताव का प्रावधान है।
नियम 184 में वोटिंग और स्थगन प्रस्ताव दोनों का प्रावधान हैं। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने हालांकि कहा कि बीजद और टीआरएस ने नियम 193 के तहत चर्चा कराने के नोटिस दिए हैं और उनकी इच्छा का सम्मान किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “कृपया, इसे प्रतिष्ठा के प्रश्न के रूप में नहीं लें। आइये, चर्चा शुरू करें। काले धन के खिलाफ सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए।” प्रश्नकाल के बीच नारेबाजी जारी रही और सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई।
स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे जैसे की कार्यवाही शुरू हुई सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वे नियम 184 के तहत चर्चा के लिए तैयार हैं। खड़गे ने कहा, “हमने नियम 56 के तहत चर्चा के लिए आग्रह किया, लेकिन अब हम अन्य तरीके खोज रहे हैं। हम नियम 184 के तहत चर्चा कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “लोग बीमार हो रहे हैं और मर रहे हैं। देश की जीडीपी घट गई है। लोगों की नौकरियां चली गई हैं। यह गंभीर मामला है।” उन्होंने कहा, “सरकार के पास भारी बहुमत है.. वे मतदान से क्यों भाग रहे हैं?” तृणमूल कांग्रेस नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा कि सदन के कामकाज को सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है।
तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के ए.पी.जितेंद्र रेड्डी का कहना है कि विपक्ष नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नहीं है, बल्कि इसके क्रियान्वयन के खिलाफ है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने कहा कि 100 लोगों की मौत हो गई है और किसान व व्यापारी पीड़ित हैं। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा का आग्रह किया।
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस फैसले पर सरकार की मंशा पर संदेह नहीं करने के लिए उन्हें धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार इसके क्रियान्वयन की समस्या पर विपक्ष का सुझाव चाहती है।
राजनाथ ने कहा, “मैं विपक्ष का धन्यवाद करना चाहता हूं। किसी ने भी सरकार की मंशा पर सवाल नहीं उठाया। हो सकता है कि वे मानते हैं कि इसके क्रियान्वयन का तरीका ठीक नहीं है। जहां तक सरकार का सवाल है हम इस पर चर्चा के लिए तैयार हैं। हम इसके क्रियान्वय की समस्याओं को जानना चाहते हैं।”
उन्होंने कहा, “मैं विपक्ष को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करेंगे। यह फैसला राष्ट्र हित में लिया गया।” महाजन ने विपक्ष की नियम 184 के तहत चर्चा की मांग पर कहा कि चर्चा किसी भी नियम और आम लोगों की समस्याओं के बगैर की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा, “प्रत्येक शख्स आम लोगों की समस्याओं की चर्चा करना चाहता है और मैं भी। नियम 193 के तहत चर्चा सूचीबद्ध है लेकिन मैं सहयोग के लिए तैयार हूं। नियमों पर झगड़े न करें, बिना किसी नियम के चर्चा शुरू करें।”
हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगति कर दी। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद भी विपक्षी पार्टियों का प्रदर्शन जारी रहा। वे नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष की आसंदी तक पहुंच गए, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
विपक्षी सदस्य सदन में मोदी के खिलाफ नारे लगाते रहे। इनमें से एक सदस्य ने उनसे अपना रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ बंद करने को भी कहा। सदन में हंगामे के बीच विपक्षी सदस्य ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाने लगे जिसके जवाब में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, “यह अच्छा है कि वे मोदी-मोदी कह रहे हैं।” लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
नेशनल
अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला
नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”
सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।
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