मुख्य समाचार
लुई बर्जर रिश्वत मामले में कामत को अग्रिम जमानत
पणजी| भ्रष्टाचार रोधी एक विशेष अदालत ने बुधवार को लुई बर्जर रिश्वत मामले में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत को अग्रिम जमानत दे दी। कामत पिछले करीब दो सप्ताह से अंतरिम जमानत पर हैं। अभियोजन पक्ष ने उन पर कई किश्तों में एक करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत लेने का आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी।
उल्लेखनीय है कि कामत सहित गोवा के पूर्व लोक निर्माण मंत्री चर्चिल अलेमाओ और कुछ अन्य सरकारी अधिकारियों पर भी आरोप है कि उन्होंने वर्ष 2010 में एक जल निकासी परियोजना का ठेका अमेरिकी कंपनी लुई बर्जर को देने की एवज में कंपनी के अधिकारियों से 9,76,630 डॉलर रिश्वत ली थी।
पुलिस ने विशेष अदालत में दायर की अपनी याचिका में अभियोजन पक्ष के वकील के साथ जिरह करते हुए कहा है कि कामत एक आदतन अपराधी हैं। साथ ही यह दावा करते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में देने की मांग की कि उनके पास उस महत्वपूर्ण जेआईसीए फाइल की एक प्रति है, जो ‘गायब’ हो गई है और जिसकी बरामदगी केस की जांच के लिए जरूरी है।
पूर्व मुख्यमंत्री कामत ने खुद पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि इस परामर्श परियोजना को अंतिम मंजूरी लोक निर्माण मंत्रालय (पीडब्ल्यूडी) ने दी थी और उनकी इसके आंवटन में कोई भूमिका नहीं है।
नेशनल
जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।
इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।
चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।
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