प्रादेशिक
रेत माफिया के डंपर से जवान की हत्या मामले की जांच एसआईटी को
भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में रेत ढोने के काम में लगे डंपर से कुचलकर पुलिस जवान की हत्या के मामले की जांच पुलिस का विशेष कार्यदल (एसआईटी) करेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को भोपाल में इसकी घोषणा करते हुए कहा कि एसआईटी 15 दिन में जांच रिपोर्ट सौंपेगी। आरोप लगाया जा रहा है कि डंपर रेत माफिया का था।
मुख्यमंत्री चौहान ने सोमवार को राज्य गृह मंत्री बाबूलाल और वरिष्ठ प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के हुई बैठक के बाद कहा कि यह दुखद घटना है। इस मामले की जांच एसआईटी करेगी, जो 15 दिनों में अपनी रिपेार्ट सौंपेगी। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। चौहान ने आगे कहा है कि सरकार पीड़ित परिवार के साथ है। उन्होंने पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की मदद और शहीद फंड से एक लाख रुपये की राशि दिए जाने की घोषणा भी की। इसके अलावा राज्य सरकार मृतक जवान के परिवार को अनुकंपा के आधार पर नौकरी भी देगी।
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री बाबू लाल गौर ने भी पुलिसकर्मी की मौत को हत्या करार दिया। गौर ने कहा कि सिपाही के परिजनों को फौरी सहायता दी गई है। हालांकि, उन्होंने बाद में कहा कि यह हत्या है या गैर इरादतन हत्या, इसका खुलासा जांच के बाद ही हो पाएगा।
गौरतलब है कि मुरैना जिले के नूराबाद थाने का एक पुलिस दल रविवार की सुबह धनेला गांव में लूट के आरोपी को पकड़ने जा रहा था। तभी रास्ते में रेत के परिवहन में लगा एक डंपर दिखा। पुलिस जवान धर्मेद्र सिंह चौहान ने जीप से उतर कर डंपर को रोका तो डंपर चालक ने वाहन को तेजी से पीछे कर दिया था, जिसकी चपेट में आकर धर्मेंद्र की जान चली गई।
उत्तर प्रदेश
यूपी के मिर्जापुर में भीषण गर्मी का कहर, चुनाव ड्यूटी पर लगे 13 कर्मचारियों की मौत से मचा हड़कंप
मिर्जापुर। यूपी के मिर्जापुर में चुनाव ड्यूटी में लगे 13 मतदान कर्मियों की मौत से हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है सभी की मौत भीषण गर्मी की वजह से हुई है। यहां स्थित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य ने यह जानकारी दी। मिर्जापुर स्थित मां विंध्यवासिनी स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. राजबहादुर कमल कहा कि मृतकों में सात होमगार्ड जवान, तीन सफाई कर्मचारी, सीएमओ कार्यालय में तैनात एक लिपिक, एक चकबंदी अधिकारी और होमगार्ड टीम का एक चपरासी शामिल है।
जिले में एक जून काे मतदान कराने के लिए नगर के पॉलिटेक्निक परिसर से फोर्स के साथ पोलिंग पार्टियों को रवाना किया जा रहा था। दोपहर दस बजे के बाद अचानक होमगार्ड्स, सिपाही, पीएसी के जवान व पैरामिलिट्री के कुछ जवान गश्त खाकर गिरने लगे। कोई पोलिंग पार्टी के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचकर बेहोश हो गया। देखते ही देखते वह कोमा में चले गए। यह देख तत्काल वहां मौजूद अन्य लोग जवानों को लेकर अस्पताल पहुंचे। दोपहर दो बजे तक करीब 30 होमगार्ड्स, पीएसी व सीआरपीएफ के जवान भर्ती किए जा चुके थे।
वहीं, शाम चार बजते बजते 40 जवान भर्ती कर लिए गए। इसमें सात होमगार्ड्स के जवानों की मौत हो गई। मृतकों में गोंडा के बच्चाराम, प्रयागराज के त्रिभुवन सिंह, बस्ती के रहने वाले सत्य प्रकाश, गोंडा के रहने वाले रामजियावन, सिकंदरपुर महगांव कछार कौशांबी के रामकरन शामिल है। इनके अलावा भी 6 लोगों की मौत हुई है।
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