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प्रादेशिक

राजद ने सांसद पप्पू यादव को जारी किया कारण बताओ नोटिस

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पटना। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने दल के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव को दल विरोधी आचरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यादव से 15 दिनों के अंदर सफाई मांगी गई है। राजद के प्रधान महासचिव रामदेव भंडारी ने गुरुवार को सांसद पप्पू यादव को पत्र लिखकर कहा है कि राजद सांसद होने के बावजूद आपका आचरण दल द्वारा घोषित नीतियों, रणनीतियों तथा निर्देशों के विरोध में हो रहा है। यहां तक कि आप अध्यक्ष के विरोध में भी बयान दे रहे हैं।

भंडारी ने पत्र के माध्यम से तीन बिन्दुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है। पत्र में जिक्र किया गया है कि सांप्रदायिक शक्तियों से बिहार को बचाने के लिए नीतीश कुमार की सरकार का सदन में समर्थन करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन आपने विधायकों से जीतन राम मांझी को समर्थन देने की अपील की और इसके लिए प्रलोभन देने का भी काम किया।

इसके अलावा कहा गया है कि दल के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद के फोटो का इस्तेमाल अपने पॉकेट संगठन ‘युवा शक्ति’ के बैनर और पोस्टर में किया जा रहा है, जो दल विरोधी आचरण है। पत्र के माध्यम से यह भी पूछा गया है कि आप पिछले कुछ महीनों से पार्टी विरोधी व्यक्तव्य मीडिया में दे रहे हैं। दल ने इन आचरणों को गंभीरता से लिया है। ऐसे में दल विरोधी आचरण मानते हुए क्यों नहीं कारवाई की जाए। इसका जवाब 15 दिनों के अंदर मांगा गया है।

प्रादेशिक

गुजरात बोर्ड परीक्षा में टॉपर रही छात्रा की ब्रेन हैमरेज से मौत, आए थे 99.70 फीसदी अंक

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अहमदाबाद। गुजरात बोर्ड की टॉपर हीर घेटिया की ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई है। 11 मई को गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSEB) के नतीजे आए थे। हीर इसके टॉपर्स में से एक थी। उसके 99.70 फीसदी अंक आये थे। मैथ्स में उसके 100 में से 100 नंबर थे। उसे ब्रेन हैमरेज हुआ था। बीते महीने राजकोट के प्राइवेट अस्पताल में उसका ऑपरेशन हुआ था। ऑपरेशन के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। वो घर चली गई, लेकिन क़रीब एक हफ़्ते पहले उसे सांस लेने में फिर दिक़्क़त होने लगी और दिल में भी हल्का दर्द होने लगा।

इसके बाद उसे अस्पताल में ICU में भर्ती कराया गया था। हाॅस्पिटल में एमआरआई कराने पर सामने आया कि हीर के दिमाग का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा काम नहीं कर रहा था। इसके बाद हीर को सीसीयू में भर्ती कराया गया। हालांकि डाॅक्टरों की लाख कोशिशों के बाद ही उसे बचाया नहीं जा सका और 15 मई को हीर ने दम तोड़ दिया। हीर की मौत के बाद परिवार ने मिसाल पेश करते हुए उसकी आंखों और शरीर को डोनेट करने का फैसला किया।

हीर के पिता ने कहा, “हीर एक डॉक्टर बनना चाहती थी। हमने उसका शरीर दान कर दिया ताकि भले ही वह डॉक्टर न बन सके लेकिन दूसरों की जान बचाने में मदद कर सकेगी।

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