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मुख्य समाचार

मोदी मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे

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मोदी

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मोदी नई दिल्ली| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा के लिए शुक्रवार शाम मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस साल जुलाई में मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद यह इस तरह की पहली बैठक है। इस दौरान, मोदी को नए मंत्रियों द्वारा किए गए कार्यो से अवगत कराया जा सकता है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक नेता ने आईएएनएस से कहा कि मोदी बैठक के दौरान बजटीय व कैबिनेट के फैसलों के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करेंगे। भाजपा के सूत्रों ने कहा कि यह बैठक पार्टी के शीर्ष नेताओं की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शीर्ष नेताओं की समन्वय बैठक से पहले हो रही है।

भाजपा ने पिछले सप्ताह विभिन्न राज्यों के अपने कोर ग्रुप की बैठक की थी, जिसे मोदी ने संबोधित किया था। भाजपा ने शनिवार को अपने मुख्यमंत्रियों की एक बैठक बुलाई है, जिसे मोदी व पार्टी अध्यक्ष अमित शाह संबोधित करेंगे।

भाजपा के एक नेता ने कहा, “दिल्ली में 29 अगस्त को आरएसएस के साथ होने वाली समन्वय बैठक से पहले ये सारी बैठकें अपनी व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए की जा रही हैं।”

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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