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मेरठ जनसंहार मामले में सभी 16 पुलिसकर्मी बरी

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नई दिल्ली | दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के हाशिमपुरा में हुए जनसंहार मामले में प्रांतीय सशस्त्र पैदल सेना (पीएसी) के 16 कर्मचारियों को बरी कर दिया। यह जनसंहार 1987 में हुआ था, जिसमें 42 लोगों की हत्या कर दी गई थी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय जिंदल ने पीएसी के 16 कर्मचारियों को हत्या, हत्या के प्रयास, सबूतों से छेड़छाड़ तथा साजिश के आरोपों से बरी कर दिया।

अदालत ने उन्हें संदेह का लाभ देते हुए कहा कि सबूतों की कमी के कारण मामले में उनकी संलिप्तता साबित नहीं हुई है। इस मामले में कुल 19 लोग आरोपी बनाए गए थे, जिनमें से तीन की सुनवाई के दौरान मौत हो गई। ये हत्याएं कथित तौर पर मेरठ में दंगे के दौरान हुईं, जिसमें पीएसी की 41वीं बटालियन द्वारा तलाशी अभियान के दौरान पीड़ितों को हाशिमपुरा मोहल्ले से उठाया गया था। मामले में आरोप पत्र साल 1996 में गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष दाखिल किया गया था। जनसंहार के पीड़ितों की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने मामले को सितंबर 2002 में दिल्ली स्थानांतरित कर दिया। यहां की एक सत्र अदालत ने जुलाई 2006 में आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, सबूतों से छेड़छाड़ तथा साजिश का आरोप तय किया था।

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सीएम योगी का सपा पर निशाना, कहा- इनके शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे

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उन्नाव। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को उन्नाव में एक सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस और सपा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सपा-कांग्रेस का इतिहास प्रभु श्रीराम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम का अस्तित्व ही नहीं है। वहीं, दूसरी तरफ सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है, यह इनका दोहरा चरित्र है। सपा के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए जाते थे।

सीम योगी ने कहा कि इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमे वापस लेने का प्रयास किया था। जिस पर कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे।”

उन्होंने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं। वहीं, दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य’ हो रही है। इंडिया गठबंधन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि इनके मेनिफेस्टो में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गई है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खान-पान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है। बहुसंख्यक समाज गोमाता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है।

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