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अन्तर्राष्ट्रीय

मुस्लिम ब्रदरहुड नेता बादी सहित 13 को सजा-ए-मौत

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काहिरा | मिस्र की एक अदालत ने प्रतिबंधित मुस्लिम ब्रदरहुड समूह के मुख्य नेता मोहम्मद बादी तथा 13 अन्य सदस्यों को हत्या के लिए उकसाने के एक मामले में शनिवार को मौत की सजा सुनाई। सरकारी समाचार एजेंसी, एमईएनए के मुताबिक, ब्रदरहुड के आध्यात्मिक नेता तथा अन्य 13 आरोपियों पर सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाने के लिए समूह के सदस्यों को एकजुट करने के लिए एक नियंत्रण कक्ष (रब्बा ऑपरेशंस रूम) का संचालन करने का आरोप है। इसके अलावा, अगस्त 2013 में देश की राजधानी काहिरा में दो बड़े विरोध प्रदर्शनों के दौरान उनपर उपद्रव फैलाने का आरोप भी है।

रपट के मुताबिक, इसी मामले में ब्रदरहुड के 37 अन्य सदस्यों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। हालांकि शनिवार के फैसले के खिलाफ अपील की जा सकती है।उल्लेखनीय है कि काहिरा के गीजा अपराध अदालत ने 16 मार्च को बादी तथा अन्य 13 आरोपियों की मौत की सजा को ग्रैंड मुफ्ती के पास भेज दिया था। ग्रैंड मुफ्ती देश का सर्वोच्च इस्लामिक अधिकारी है, जिनकी राय को आमतौर पर एक औपचारिकता मानी जाती है। मिस्र के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को जुलाई 2013 में सत्ता से बेदखल करने के बाद सैन्य समर्थित सरकार ने उनके समर्थकों पर व्यापक तौर पर दमनात्मक कार्रवाई को अंजाम दिया था, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे, जबकि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सरकार ने कहा था विरोध प्रदर्शन हिंसक था, क्योंकि भीड़ को तितर-बितर करने के दौरान दर्जनों पुलिसकर्मियों की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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