प्रादेशिक
मालगाड़ी से टकराई सत्याग्रह एक्सप्रेस, जांच के बाद सस्पेंड
सीतापुर। उत्तर प्रदेश के जनपद सीतापुर स्टेशन के पास शुक्रवार देर रात रक्सौल से दिल्ली जा रही सत्याग्रह एक्सप्रेस मालगाड़ी से टकरा गई। इस हादसे में पांच यात्री घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए लखनऊ ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। वहीं हादसे के बाद सत्याग्रह एक्सप्रेस डेढ़ घंटे तक आउटर पर खड़ी रही।
उत्तर रेलवे के डीआरएम प्रमोद कुमार ने हादसे के जांच के आदेश दे दिए हैं। साथ ही पांच कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। शुक्रवार देर रात लगभग डेढ़ बजे रक्सौल से दिल्ली जा रही सत्याग्रह एक्सप्रेस ट्रेन संख्या 15273 अप सीतापुर स्टेशन के पास मालगाड़ी के गार्ड कोच से टकरा गया। इस हादसे में पांच यात्री बिहार के पश्चिम चंपारण निवासी इरशाद मिर्जा, बाराबंकी के रामनगर थाना क्षेत्र केसरिपुर निवासी विजय तिवारी, बलरामपुर के लालियया निवासी तेजराम मौर्या, सीतापुर के सदरपुर के भलवई निवासी अमरेश कुमार और खैराबाद के उनसिया वासी हरिनाम गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें एंबुलेंस की मदद से लखनऊ ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
खबर पाकर आरपीएफ और जीआरपी ने राहत कार्य किया। भोर होते ही लखनऊ से आला अफसर सीतापुर पहुंचे और जांच में जुट गए। बताते हैं कि मालगाड़ी स्टेशन के आउटर पर पटरी क्रॉस पर खड़ी थी। ट्रैक क्लियर हुए बगैर ही स्टेशन मास्टर ने ग्रीन सिग्नल दे दिया। इससे ट्रेन ने रफ्तार पकड़ ली और यह हादसा हो गया। उधर, रक्सौल से दिल्ली जाने वाली ट्रेन डेढ़ घंटे तक सीतापुर स्टेशन के आउटर के करीब खड़ी रही। ट्रैक की मरम्मत कर दोनों ट्रेनों का रवाना किया गया।
उत्तर रेलवे के डीआरएम प्रमोद कुमार ने हादसे की जांच के आदेश देते हुए दस दिन में जांच पूरी करके रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए हैं। वहीं शुरुआती जांच के बाद दोनों गाडय़िों के चारों ड्राइवर और मालगाड़ी के गार्ड सहित पांच कर्मचारी निलंबित कर दिए गए हैं।
प्रादेशिक
गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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